पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी मंगलवार को लखनऊ के दौरे पर थी, जहाँ उन्होंने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले पर अपना विरोध प्रदर्शन किया। तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए सीएम अखिलेश यादव ने लखनऊ में नोटबंदी कि खिलाफ ममता बनर्जी के प्रदर्शन से किनारा कर लिया। खास बात यह है कि जिस मंच पर खड़े होकर ममता बयान दे रही थी। वह मंच समाजवादी पार्टी के खर्चे पर तैयार किया गया था।
- नोटबंदी को लेकर ममता पिछले कई दिनों से अखिलेश यादव के संपर्क में थी।
- सोमवार शाम को जब ममता बनर्जी लखनऊ पहुंची तो अखिलेश ने उनका स्वागत किया।
- ममता को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे अखिलेश ने रैली में आने का वादा किया था।
- माना जा रहा था कि 1090 चौराहे पर होने जा रहे विरोध प्रदर्शन में अखिलेश यादव भी शामिल होंगे।
- अचानक ही 1090 चौराहा की सुरक्षा बेहद कड़ी होने के बाद माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी ममता बनर्जी के इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।
- लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ममता बनर्जी के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।
मुलायम ने रैली में जाने से रोकाः
- सपा सूत्रों के हवाले से खबर है कि अखिलेश तो ममता की रैली में जाने को तैयार थे।
- लेकिन मुलायम के मना करने के बाद उन्होने अपना मन बदल लिया।
- अखिलेश के रैली में शामिल होने की खबर जब मुलायम को लगी तो उन्होंने फोन पर अखिलेश से बात की और उन्हें ममता के साथ मंच साझा करने से मना किया।
- मुलायम नहीं चाहते थे कि ममता के साथ मंच साझा कर अखिलेश किसी नये राजनीतिक समीकरण को हवा दें।
- जिसके बाद सीएम ने अपने करीबियों के साथ बैठक की और यह तय किया गया कि रैली में नहीं जाना चाहिए।
सपा के खर्चे पर रैलीः
- सपा सूत्रों की माने तो रैली की तैयारियों के लिए पार्टी के युवा नेताओं को जिम्मेदारी दी गई।
- ममता जानती थीं कि यूपी में तृणमूल कांग्रेस का जनाधार नहीं है।
- जिसके बाद उन्होंने यूपी सीएम अखिलेश यादव से मदद मांगी।
- अखिलेश ने अपनी युवा टीम को रैली सफल बनाने के निर्देश दिये।
- रैली में जहां सपा कार्यकर्ता बड़ी तादाद में थे वहीं, टीएमसी कार्यकर्ता मात्र कुछ सौ ही नजर आए।
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