उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जूता फैक्ट्री के करीब 1200 कर्मचारियों को पहली बार ‘माइक्रो एटीएम’ के जरिए सैलरी बांटी गई। जूता फैक्ट्री के मालिक रवि सहगल के मुताबिक उनकी वे पहले ऐसे व्यवसायी हैं, जो कर्मचारियों को माइक्रो एटीएण से सैलरी दे रहे हैं। सहगल के मुताबिक कर्मचारियों को सैलरी देने का यह तरीका बहुत अच्छा है। लोग इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नोटबंदी के बाद लोगों को पैसों के लेन-देन में खासी समस्या आ रही है।
- इसके बाद से ही लोग तरह तरह के विकल्प आजमाने में जुटे हुए हैं।
- फैक्ट्री मालिक ने बताया कि हमने फैक्ट्री में ही एक परचून की दुकान भी खोली थी।
- लेकिन एक किलो के पैकेट में सामान उपलब्ध होने के चलते समस्याएं थी।
- जिसके बाद बैंक ऑफ इंडिया ने माइक्रो एटीएम से सैलरी देने का विकल्प सुझाया।
क्या है माइक्रो एटीएमः
- बैंक ऑफ इंडिया ने पहल करते हुए खास सैलरी देने के लिए माइक्रो एटीएम की सुविधा शुरू की है।
- यह मशीन बिल्कुल स्वाइप मशीन की तरह काम करती है।
- मशीन को लैपटॉप से अटैच करके आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
- बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम विजय वर्मा ने बताया कि इसके लिए अकाउंट होना जरूरी है।
- उन्होंने बताया कि माइक्रो एटीएम सुविधा के बाद कर्मचारियों को बार-बार बैंको के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- उन्होंने बताया कि हम शुरूआत में हम हफ्ते में 3 बार फैक्ट्री में आया करेंगे।
- जिससे कि कर्मचारी अपनी जरूरत के पैसे निकाल सकेंगे।
- निर्धारित समय पर बैंककर्मी माइक्रो एटीएम लेकर आएंगे।
- वहां पर कर्मचारी अपनी एटीएम स्वाइप करने के बाद अंगूठे का निशान मशीन पर लगाएंगे।
- जिसके बाद बैंककर्मी उन्हें कैश दे देंगे।
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