khair assembly by election  : अलीगढ़ के खैर विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 4.04 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, जिनमें 2.16 लाख पुरुष, 1.88 लाख महिलाएं और 22 अन्य मतदाता शामिल हैं। इस चुनाव में कुल 263 मतदान केंद्रों पर 426 बूथ बनाए गए हैं, जहां वोट डाले जाएंगे।

इस बार प्रशासन ने मतदान केंद्रों पर सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करने की शुरुआत कर दी है। खास बात यह है कि इस बार नामांकन से लेकर पोलिंग पार्टियों की रवानगी और मतगणना तक का काम तहसील स्तर पर ही होगा। इससे पहले यह प्रक्रियाएं धनीपुर मंडी परिसर से संचालित होती थीं, लेकिन इस बार एसडीएम कार्यालय में ही नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर होने वाले इन उपचुनावों की तारीखों की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है।

अनूप प्रधान और खैर विधानसभा क्षेत्र की स्थिति

खैर विधानसभा क्षेत्र से अनूप प्रधान लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2022 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और इसके बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें राजस्व राज्यमंत्री का पद सौंपा था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अनूप प्रधान को हाथरस विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया, जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। इस जीत के बाद उन्होंने खैर के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके चलते खैर विधानसभा क्षेत्र में विधायक पद रिक्त हो गया है और अब इस सीट पर उपचुनाव होना तय है।

अलीगढ़ में खैर विधानसभा का जातीय समीकरण

 उपचुनाव की तैयारी khair assembly by election

इस उपचुनाव के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी शुरू कर दी है। मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों पर पानी, बिजली, शौचालय और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। मतदान के दिन सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएंगे ताकि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से पूरी की जा सके। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों ने पोलिंग पार्टियों के लिए ट्रांसपोर्टेशन, मतगणना की तैयारी और चुनावी सामग्री के वितरण के लिए भी जरूरी कदम उठाए हैं।

उपचुनाव का महत्व

यह उपचुनाव राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। खैर विधानसभा क्षेत्र में अनूप प्रधान की लोकप्रियता और उनकी जीत के बाद अब देखना होगा कि भाजपा किस उम्मीदवार को मैदान में उतारती है। इसके साथ ही विपक्षी दलों के लिए भी यह सीट महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि उपचुनाव के नतीजे भविष्य की राजनीति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

कुल मिलाकर, खैर विधानसभा उपचुनाव को लेकर माहौल गर्म हो रहा है और आगामी दिनों में राजनीतिक गतिविधियां और तेज़ होने की संभावना है। चुनाव आयोग की ओर से जल्द ही तारीखों की घोषणा की जाएगी, जिसके बाद सभी दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देंगे।

खैर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में ढाई से तीन वर्षों के लिए नए विधायक का चुनाव होना है। यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे क्षेत्र की राजनीति और विकास पर असर पड़ेगा। सभी राजनीतिक दल इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। प्रशासन भी चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है, जिसमें कार्मिकों की सूची तैयार की जा चुकी है और मतदाता सूची भी अंतिम चरण में है।

मतदान केंद्र और बूथ तैयार khair assembly by election

चुनाव के लिए 263 मतदान केंद्रों और 426 बूथों का गठन किया गया है। चुनाव के संचालन को सुचारू और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रशासन ने हर जरूरी कदम उठाए हैं। मजिस्ट्रेट और प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति भी हो चुकी है ताकि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो सके।

दिव्यांग और सर्विस मतदाताओं की विशेष भूमिका

इस चुनाव में 3468 दिव्यांग मतदाता और 3573 सर्विस मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रशासन ने इन मतदाताओं के लिए विशेष इंतजाम किए हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव के लिए कुल 44 सेक्टर बनाए गए हैं, जिनमें ट्रांसपोर्टेशन की भी पूरी व्यवस्था की गई है।

चुनावी ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था

मतदान प्रक्रिया को सही ढंग से संचालित करने के लिए कुल 57 बसें, 32 मिनी बसें और 89 छोटे वाहन तैनात किए जाएंगे। इन वाहनों का उपयोग मतदान अधिकारियों और पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए किया जाएगा।

निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रशासन की तैयारियां

प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि चुनाव निष्पक्ष, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से हो। मतदाता सूची को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि किसी भी मतदाता को अपने मताधिकार के प्रयोग में दिक्कत न हो। साथ ही, चुनावी सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की भी तैनाती की जाएगी।

 राजनीतिक दलों की रणनीति

चूंकि यह चुनाव ढाई से तीन वर्षों के लिए विधायक का चुनाव होगा, सभी दल इसे लेकर बेहद गंभीर हैं। भाजपा, सपा, कांग्रेस और अन्य दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है और मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। हर पार्टी चाहती है कि वह इस उपचुनाव को जीतकर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करे।

खैर विधानसभा उपचुनाव का यह दौर आगामी दिनों में और भी रोचक हो जाएगा। चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही चुनावी गतिविधियां और तेज हो जाएंगी। अब देखना यह है कि इस चुनाव में कौन सी पार्टी जीत दर्ज करेगी और क्षेत्र के विकास और राजनीति को नई दिशा देगी।

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