उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग द्वारा फुटकर दुकानों के आवंटन के लिए आयोजित ई-लॉटरी का प्रथम चरण [ UP Excise Lottery ] एन.आई.सी. के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
ई-लॉटरी के तहत व्यवस्थापन [ UP Excise Lottery ] :
- देशी मदिरा की दुकानें: 15,906
- कंपोजिट शॉप्स (देशी + विदेशी शराब): 9,341
- भांग की दुकानें: 1,317
- मॉडल शॉप्स: 430
लखनऊ, दिनांक 06 मार्च 2025
प्रदेशभर में देशी मदिरा की 16,052 दुकानों, 9,362 कम्पोजिट शॉप्स, 1,459 भांग की दुकानों और 435 मॉडल शॉप्स के व्यवस्थापन हेतु ई-लॉटरी का पहला चरण आयोजित किया गया। यह प्रक्रिया एन.आई.सी. की राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय इकाइयों के तकनीकी सहयोग एवं मार्गदर्शन में प्रदेश के 75 जिलों में संपन्न हुई।
इस लॉटरी प्रक्रिया के तहत:
- देशी मदिरा की 15,906 दुकानों का सफलतापूर्वक आवंटन हुआ।
- 9,341 कम्पोजिट शॉप्स का व्यवस्थापन किया गया।
- 1,317 भांग की दुकानों का निर्धारण किया गया।
- 430 मॉडल शॉप्स को भी इस प्रक्रिया के तहत आवंटित किया गया।
लाइसेंस फीस से प्राप्त राजस्व:
इन दुकानों के व्यवस्थापन से उत्तर प्रदेश सरकार को लगभग ₹4,278.8 करोड़ की लाइसेंस फीस प्राप्त होगी।
बल्क लीटर कोटा:
देशी मदिरा की व्यवस्थित हुई दुकानों के माध्यम से 75.80 करोड़ बल्क लीटर का कोटा तय किया गया।
द्वितीय चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया [ UP Excise Lottery ]
पहले चरण में जिन दुकानों का आवंटन नहीं हो सका, उन्हें दूसरे चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। इसमें:
- देशी मदिरा की 146 दुकानें
- 21 कम्पोजिट शॉप्स
- 142 भांग की दुकानें
- 5 मॉडल शॉप्स
इनका व्यवस्थापन आगामी ई-लॉटरी के द्वितीय चरण में किया जाएगा।
आवंटियों के लिए निर्देश
आज 06 मार्च 2025 को संपन्न हुई ई-लॉटरी प्रक्रिया [ UP Excise Lottery ] के अंतर्गत अनंतिम रूप से चयनित आवंटियों को सूचित किया जाता है कि वे:
- 07 मार्च 2025 को संबंधित जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर अपना आवंटन आदेश प्राप्त करें।
- आवंटित दुकान से संबंधित सभी देय राशियाँ अनिवार्य रूप से 12 मार्च 2025 तक जमा करें।
उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग की ई-लॉटरी प्रणाली पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रक्रिया स्वचालित, डिजिटल और निष्पक्ष तरीके से संचालित की गई, जिससे किसी प्रकार की धांधली की संभावना शून्य रही। विभाग द्वारा भविष्य में भी इस प्रक्रिया को और अधिक कुशल और प्रभावी बनाने के प्रयास जारी रहेंगे।