बुलंदशहर जिले में विभिन्न स्थायी और अस्थायी गौशालाएं (गो-अश्रय स्थल) [ Gaushala in Bulandshahr ] संचालित हैं, जो बेसहारा और असहाय गोवंश के संरक्षण के लिए कार्यरत हैं।

गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण


मुख्य गौशालाएं और उनकी स्थिति [ Gaushala in Bulandshahr ]

1. प्रमुख गो-अश्रय स्थल

बुलंदशहर जिले में कई स्थायी और अस्थायी गौशालाएं [ Gaushala in Bulandshahr ] कार्यरत हैं, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं:

  • सिकंदराबाद श्री रघुनाथ गौशाला (252 गोवंश)
  • नरौरा श्री गोपालजी गौशाला (13 गोवंश)
  • बुगरासी कान्हा उपवन (51 गोवंश)
  • जहांगिराबाद अस्थायी आश्रय स्थल (307 गोवंश)
  • दौलताबाद अस्थायी आश्रय स्थल (1103 गोवंश)

इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में भी अनेक अस्थायी गौशालाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें नागला करण, जीवनत, कछेजा, और ख्वाजपुर अशरफपुर आदि शामिल हैं।

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2. 2022 के बाद की प्रमुख घटनाएं [ Gaushala in Bulandshahr ]

(i) गौशालाओं में गोवंश संरक्षण में वृद्धि

2022 के बाद जिले में बेसहारा गोवंश को संरक्षण देने के लिए नए गौ-अश्रय स्थल खोले गए। कई अस्थायी आश्रय स्थलों की क्षमता भी बढ़ाई गई, जिससे अधिक गोवंश को सुरक्षित रखा जा सके।

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(ii) ठंड और गर्मी में विशेष व्यवस्था

शीतलहर और भीषण गर्मी के दौरान गौशालाओं में चारा-पानी की व्यवस्था में सुधार किया गया। प्रशासन द्वारा भूसा बैंक स्थापित किए गए और जल टैंकरों की व्यवस्था की गई।

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(iii) गौशालाओं में अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें [ Gaushala in Bulandshahr ]

2023 में कुछ गौशालाओं में चारे और पानी की कमी को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया। प्रशासन ने इस पर ध्यान देते हुए गोशालाओं की नियमित मॉनिटरिंग शुरू की।

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(iv) गोवंश तस्करी और सुरक्षा

बुलंदशहर जिले में अवैध गोवंश तस्करी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने गौशालाओं के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।

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3. प्रशासनिक प्रयास और भविष्य की योजनाएं

  • गौशालाओं में सुविधाओं का विस्तार और रखरखाव
  • चारे और जल आपूर्ति को निरंतर बनाए रखने के लिए विशेष योजनाएं
  • स्थानीय किसानों और गौशाला समितियों को गोबर गैस और जैविक खाद उत्पादन के लिए प्रेरित करना

बुलंदशहर जिले की गौशालाएं बेसहारा गोवंश को संरक्षण प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रशासन द्वारा समय-समय पर निरीक्षण और आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति की जा रही है, जिससे गौशालाओं की स्थिति में सुधार हो सके।

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