रायबरेली: एनटीपीसी ऊंचाहार की तीसरी यूनिट में ब्वॉयलर ट्यूब रिसाव से बिजली उत्पादन ठप
रायबरेली के ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी (NTPC Unchahar) परियोजना में तकनीकी खामियों के चलते बिजली उत्पादन बाधित हो गया है। बृहस्पतिवार को तीसरी यूनिट के ब्वॉयलर ट्यूब में रिसाव हो गया, जिससे 210 मेगावाट की उत्पादन क्षमता वाली यह यूनिट बंद करनी पड़ी। लगातार तकनीकी खराबियों के कारण एनटीपीसी की उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है।
परियोजना अधिकारी दावा कर रहे हैं कि यूनिट को जल्द चालू कर दिया जाएगा। एनटीपीसी ऊंचाहार (NTPC Unchahar)परियोजना में कुल छह यूनिट हैं, जिनमें से पांच यूनिट प्रत्येक 210 मेगावाट बिजली उत्पादन करती हैं, जबकि छठवीं यूनिट की क्षमता 500 मेगावाट है। यूनिट नंबर 3 के बंद होने से परियोजना की कुल उत्पादन क्षमता में 210 मेगावाट की कमी आई है।
घटना की जानकारी मिलते ही परियोजना के अभियंता मौके पर पहुंचे और ब्वॉयलर की स्थिति का निरीक्षण किया। रिसाव को ठीक करने के लिए ब्वॉयलर पर गर्म पानी का छिड़काव शुरू किया गया। परियोजना सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार से मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा और रविवार तक यूनिट के फिर से चालू होने की संभावना है।
परियोजना की जनसंपर्क अधिकारी, कोमल शर्मा, ने बताया कि तकनीकी खराबी के चलते यूनिट को अस्थायी रूप से बंद किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद यूनिट को जल्द ही फिर से चालू कर दिया जाएगा।
यह पहली बार नहीं है जब एनटीपीसी ऊंचाहार में तकनीकी खामियों के कारण उत्पादन बाधित हुआ है। इससे पहले भी यूनिटों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं सामने आती रही हैं, जिससे उत्पादन क्षमता प्रभावित होती रही है। इस बार की घटना ने एक बार फिर एनटीपीसी (NTPC Unchahar) की तकनीकी प्रबंधन प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोग और उपभोक्ता इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि एनटीपीसी से होने वाला बिजली उत्पादन आसपास के कई इलाकों में निर्बाध आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा समय पर मरम्मत कार्य सुनिश्चित करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है।
ऊंचाहार एनटीपीसी (NTPC Unchahar) परियोजना उत्तर प्रदेश के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों में से एक है। इसके उत्पादन में रुकावट से राज्य की ऊर्जा आपूर्ति व्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है। एनटीपीसी प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूनिटों का नियमित रखरखाव और तकनीकी निरीक्षण किया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
मरम्मत कार्य के बाद, उम्मीद है कि परियोजना पूरी क्षमता के साथ जल्द ही फिर से काम शुरू कर देगी, जिससे बिजली आपूर्ति सुचारू हो सकेगी और औद्योगिक व घरेलू उपभोक्ताओं की जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
Report:- Shiva Maurya
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