कोथावां में अवैध अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई, एक अस्पताल सील
हरदोई। कोथावां क्षेत्र में लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पतालों (Illegal hospitals) पर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र में चल रहे फर्जी अस्पतालों पर छापेमारी की और कड़ी कार्रवाई की।
#हरदोई : कोथावां क्षेत्र में अवैध रूप से वर्षों से संचालित हो रहे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी। नहर किनारे स्थित *भवानी हॉस्पिटल* पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने घंटों तक जांच-पड़ताल की।
इसके बाद बेनीगंज में *विद्युत पावर हाउस* के पास बिना नाम के… pic.twitter.com/ZMluNFYJLF— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) December 14, 2024
भवानी हॉस्पिटल की जांच
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सबसे पहले कोथावां में नहर किनारे स्थित भवानी हॉस्पिटल पर छापा मारा (Illegal hospitals) । अधिकारियों ने घंटों तक अस्पताल की जांच की और दस्तावेजों का सत्यापन किया। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने जांच में कई अनियमितताएं पाई, लेकिन फिलहाल कार्रवाई के परिणामों को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है।
बेनाम अस्पताल पर सील की कार्रवाई
जांच के दौरान टीम ने बेनीगंज में विद्युत पावर हाउस के पास स्थित एक बेनाम अस्पताल का भी निरीक्षण किया। वहां कोई लाइसेंस या अनुमति पत्र न होने के कारण अधिकारियों ने तुरंत उस अस्पताल को सील कर दिया। इस कार्रवाई के बाद से क्षेत्र के फर्जी अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
सूचना देने से बचते रहे अधिकारी
छापेमारी और कार्रवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मीडिया से किसी प्रकार की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने केवल इतना कहा कि जांच के परिणामों को औपचारिक रूप से बाद में साझा किया जाएगा।
फर्जी अस्पतालों पर लगाम की पहल
कोथावां और आसपास के क्षेत्रों में अवैध अस्पताल लंबे समय से संचालित हो रहे थे। ये अस्पताल बिना लाइसेंस, प्रशिक्षित स्टाफ और आवश्यक सुविधाओं के मरीजों का इलाज कर रहे थे, जिससे लोगों की जान जोखिम में थी। स्थानीय निवासियों ने कई बार इन अस्पतालों की शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई पहली बार हुई है।
अवैध अस्पतालों का खतरा
फर्जी अस्पतालों (Illegal hospitals) के संचालन से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता और उनकी हालत और गंभीर हो जाती है। ऐसे अस्पताल न केवल स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों और आपातकालीन स्थितियों में मरीजों की जान भी खतरे में डालते हैं।
कार्रवाई से फैली हड़कंप की लहर
इस छापेमारी के बाद अन्य अवैध अस्पतालों और क्लीनिक संचालकों में भय का माहौल बन गया है। कई अस्पतालों ने अपनी गतिविधियों को छुपाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई मरीजों की सुरक्षा और अवैध अस्पतालों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसी कार्रवाई नियमित रूप से हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर भी नजर रखी जाए। अवैध अस्पतालों को बंद करने और मरीजों को सही इलाज मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
कोथावां में अवैध अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई, एक अस्पताल सील
हरदोई। कोथावां क्षेत्र में लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र में चल रहे फर्जी अस्पतालों पर छापेमारी की और कड़ी कार्रवाई की।
भवानी हॉस्पिटल की जांच
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सबसे पहले कोथावां में नहर किनारे स्थित भवानी हॉस्पिटल पर छापा मारा। अधिकारियों ने घंटों तक अस्पताल की जांच की और दस्तावेजों का सत्यापन किया। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने जांच में कई अनियमितताएं पाई, लेकिन फिलहाल कार्रवाई के परिणामों को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है।
बेनाम अस्पताल पर सील की कार्रवाई
जांच के दौरान टीम ने बेनीगंज में विद्युत पावर हाउस के पास स्थित एक बेनाम अस्पताल का भी निरीक्षण किया। वहां कोई लाइसेंस या अनुमति पत्र न होने के कारण अधिकारियों ने तुरंत उस अस्पताल को सील कर दिया। इस कार्रवाई के बाद से क्षेत्र के फर्जी अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
सूचना देने से बचते रहे अधिकारी
छापेमारी और कार्रवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मीडिया से किसी प्रकार की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने केवल इतना कहा कि जांच के परिणामों को औपचारिक रूप से बाद में साझा किया जाएगा।
फर्जी अस्पतालों पर लगाम की पहल
कोथावां और आसपास के क्षेत्रों में अवैध अस्पताल लंबे समय से संचालित हो रहे थे। ये अस्पताल बिना लाइसेंस, प्रशिक्षित स्टाफ और आवश्यक सुविधाओं के मरीजों का इलाज कर रहे थे, जिससे लोगों की जान जोखिम में थी। स्थानीय निवासियों ने कई बार इन अस्पतालों की शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई पहली बार हुई है।
अवैध अस्पतालों का खतरा
फर्जी अस्पतालों के संचालन से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता और उनकी हालत और गंभीर हो जाती है। ऐसे अस्पताल न केवल स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों और आपातकालीन स्थितियों में मरीजों की जान भी खतरे में डालते हैं।
कार्रवाई से फैली हड़कंप की लहर
इस छापेमारी के बाद अन्य अवैध अस्पतालों और क्लीनिक संचालकों में भय का माहौल बन गया है। कई अस्पतालों ने अपनी गतिविधियों को छुपाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई मरीजों की सुरक्षा और अवैध अस्पतालों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसी कार्रवाई नियमित रूप से हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर भी नजर रखी जाए। अवैध अस्पतालों को बंद करने और मरीजों को सही इलाज मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
Report:- Manoj Hardoi
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