प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर आधीरात से 500 और 1000 रुपए के नोट पर बैन लगाने का फैसला लिया था। बता दें की ये फैसला कालेधन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए लिया गया था। लेकिन 8 और 9 नवंबर को सोने की बिक्री के आंकड़े केंद्र सरकार की सारी पोल खोल रहे हैं। बता दें कि नोटबंदी के शुरू के दो दिनों में यानी की 8 और 9 नवंबर को देश भर में 15 टन सोना के आभूषण बिके हैं जिनकी कुल कीमत 5000 करोड़ रुपए है।
सबसे ज्यादा सोने की बिक्री पंजाब , दिल्ली और उत्तर प्रदेश में की गई
- नोटबंदी के बाद सिर्फ दो दिन में सोने की बिक्री का एक बहुत बड़ा आंकड़ा सामने आया है।
- जिसने कालेधन और भ्रष्टाचार रोकने के सरकार के दावों को खोखला साबित किया है।
- गौरतलब है की 8-9 नवंबर को 15 टन सोने की जबरदस्त बिक्री हुई है।
- जिसकी कुल कीमत 5000 करोड़ रूपए बताई जा रही है।
- आईबीजेए के राष्ट्रीय सचिव सुरेन्द्र मेहता के दावा किया है कि इन दो दिनों में सबसे ज्यादा सोने की बिक्री हुई है।
- IBJA ने अनुसार देश भर में कुल 2500 सर्राफा व्यापारी रजिस्टर है।
- सुरेन्द्र मेहता ने बताया कि 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान होने के तुरंत बाद से ही देश भर में रात 2-3 बजे तक सोना बिकता रहा।
- उन्होंने बताया की सोने की आधी के करीब बिक्री पंजाब , दिल्ली और उत्तर प्रदेश में की गई है।
- मेहता ने बताया की देश भर में करीब 6 लाक सर्राफा व्यापारियों हैं जिनमे से हज़ार व्यापारियों ने ही नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के नोट स्वीकार किये थे ।
- उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा की इन दाग़ी सर्राफा व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाये।
- क्यों की इनके कारण समूचे सर्राफा व्यापार की बदनामी हो रही है।
- बता दें की भोपाल के एक्साइट ब्यूरो ने 650 सर्राफा व्यापारियो को नोटिस भेजा है।
- इस नोटिस में ब्यूरो ने 7 से 11 नवंबर के बीच सोने की तमाम बिक्रियों का लेखा जोखा माँगा है।
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