नैनीताल हाईकोर्ट की बेंच में आज बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई होनी है। कांग्रेस के बागी विधायकों की मांग है कि कोर्ट में कोई भी आदेश पारित होने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए। बागी विधायकों की याचिका पर हाईकोर्ट में विशेष सुनवाई अब से कुछ ही देर में शुरू होगी।
इससे पहले कल कोर्ट ने 19 अप्रैल तक यथावत स्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था, कोर्ट ने कहा था कि जब तक फैसला न हो जाए राजनीतिक दलों की तरफ से इस सन्दर्भ में कोई भी कोशिश न की जाए। इसके बावजूद प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियाँ शांत नहीं हुई हैं। भाजपा और कांग्रेस की तरफ से नम्बर गेम का खेल अभी भी जारी है। जहां भाजपा विधायक सियासी लाभ लेने की कोशिश करते नजर आ रहें है, वहीं कांग्रेस ने अपने विधायकों को हिमाचल भेज दिया है और उनसे कोई भी सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।
इस बीच कांग्रेस ने अपने लिए सभी विकल्प खुले रखें हैं, उसकी पहली कोशिश यही है कि बागी विधायकों की सदस्यता रद्द हो और बहुमत साबित करने का पहला मौका कांग्रेस को मिले, यदि ऐसा सम्भव ना हुआ। तो कांग्रेस चुनाव में जाने से भी परहेज नहीं करेगी। बागी विधायकों की सदस्यता मामले पर 11 अप्रैल को एकल खण्ड पीठ अदालत में सुनवाई होगी। कांग्रेस को अंदेशा है कि बागी भाजपा से सांठ-गांठ करके उसके समीकरण बिगाड़ सकते हैं। जिसके बाद वह जनता के बीच जाने को भी तैयार है।