प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद प्रत्येक सांसद को एक गांव गोद लेने तथा 2016 तक उस गांव को आदर्श गांव में विकसित करने का लक्ष्य बनाया था। प्रधानमंत्री मोदी की यह योजना उनकी कई अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है, लेकिन इस योजना के मार्गदर्शक मंडल को मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
सांसद आदर्श ग्राम योजना:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सांसद आदर्श ग्राम योजना देश के गांवों के विकास और उनमें मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत सभी सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र से प्रत्येक वर्ष 5 गांवों का चयन कर, उन्हें आदर्श गांवों में विकसित करने का लक्ष्य था। इस योजना के लिए वही गाँव चुना जा सकता है, जिसमें मूलभूत सुविधाओं की कमी हो और उसकी आबादी 3 से 5 हज़ार के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा गांव में न्याय पंचायत का होना अनिवार्य है।
सांसद नहीं दिखा रहे रूचि:
सांसद आदर्श ग्राम योजना यक़ीनन एक महत्वपूर्ण योजना है, देश के गांवों के विकास के लिए। गांवों के विकास के क्रम में यदि कुछ सांसदों को छोड़ दिया जाये तो, अन्य सांसद इस योजना के लिए किसी भी प्रकार की कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक देश के 112 सांसद ऐसे हैं जिन्होंने कोई गांव चुना ही नहीं है।
सूबे के आदर्श ग्रामों की हकीक़त:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सपा प्रमुख मुलायम सिंह, बसपा सुप्रीमो मायावती, सोनिया गाँधी, मुरली मनोहर जोशी आदि प्रमुख व्यक्तित्व सूबे से सांसद हैं।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयापुर गाँव (वाराणसी) को छोड़कर कहीं पर किसी भी सांसद द्वारा उससे सम्बंधित आदर्श ग्राम में काम न के बराबर कराया गया है।
- मुरली मनोहर जोशी के आदर्श ग्राम सिंहपुर की हालत काफी ख़राब है, गांव में जगह-जगह जलभराव की समस्या आम है, गांव में गन्दगी का भी बुरा हाल है।
- राजनाथ सिंह के आदर्श गांव बैंती में सिर्फ ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स की एक शाखा के अलावा अन्य कोई काम नहीं हुआ है
- सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का आदर्श ग्राम तमौली भी कुछ खास विकास नहीं कर पाया है, दिन रात सूबे को अपना विकास गिनाने वाली सरकार आदर्श ग्राम के विकास से दूर है।
- बसपा सुप्रीमो मायावती इस क्रम में सबसे आगे हैं, उन्होंने राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के माल गांव को आदर्श ग्राम के लिए चुना है, जो पहले से ही आस पास के क्षेत्रों के गांवों से ज्यादा विकसित है।
- आईएनसी अध्यक्षा सोनिया गाँधी के गांव उद्वा में विकास का हाल अन्य संसदीय क्षेत्रों के आदर्श ग्रामों जैसा ही है।
आदर्श ग्राम योजना सफल और विफल?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि, सांसद आदर्श ग्राम योजना प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी योजनाओं में से एक है। परन्तु योजना बनाने और उसे क्रियान्वयन में लाना दो अलग बातें हैं, आदर्श ग्रामों की ताज़ा हालत ये बयान कर रही है कि, जनता के प्रतिनिधि जनता के विकास से काफी दूर हैं। देश के कई सांसदों ने काम न होने का कारण सांसद निधि का कम होना बताया तो, कोई सांसद गांव चुनकर अपने वोट बैंक को नाराज़ नहीं करना चाहता। बेशक, ये योजना विकास के नए आयाम गढ़ सकती है, पर उसके लिए जनता के हर प्रतिनिधि को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।