बीजेपी संसदीय दल की बैठक को सम्भोदित करते हुए प्रधानमन्त्री ने बोला ईन्दिरा गाँधी जब प्रधानमंत्री थी तो भी नोट बंदी का प्रस्ताव आया था लेकिन चुनाव के कारण नहीं पारित किया प्रस्ताव.
हिम्मत नहीं जुटा पाई कांग्रेस सरकार
- वरिष्ठ नौकरशाह निरंजन नाथ वांचू कमेटी ने इस प्रस्ताव को लागू करने की मांग की थी.
- उस वक़्त के तत्कालीन वित्त मंत्री वाईबी चव्हाण इस प्रस्ताव को लेकर प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधी के पास गए.
- इंदिरा गांधी ने बोला था की कांग्रेस को आगे भी चुनाव लड़ना है.
- इस प्रस्ताव को पारित करने से कांग्रेस की छवि खाराब हो सकती है.
प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया
- उस समय इस प्रस्ताव को लागू नहीं किया गया.
- अब इस साल आठ नवम्बर से जब नोट बंदी का दौर चल रहा है.
- तो कांग्रेस और उनके नेताओं को ये बात हजम नहीं हो रही है.
- अमेठी के राज कुमार राहुल गाँधी ने तो प्रधान मंत्री मोदी को भ्रष्ट बता दिया है.
- साथ ही बोला है प्रधानमन्त्री मोदी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं.
कांग्रेस के लिए पार्टी सबसे ऊपर
- प्रधानमंत्री मोदी ने बोला है की कांग्रेस के लिए पार्टी सबसे ऊपर है.
- पर भाजपा के लिए देश सबसे ऊपर है.
- यही अंतर है भाजपा और कांग्रेस की सोच में .तभी कांग्रेस नोट बंदी पर राजनीति कर रही है.
- अब शीतकालीन सत्र के बाद भाजपा ने हर जिले में जाकर नोट बंदी के फायदे बताने को कहा है.
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