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भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात वर्दीधारी अपनी काली करतूतों से पूरे महकमें को शर्मसार कर रहे हों लेकिन कुछ ईमानदार पुलिसवाले पुलिस विभाग की नाक बचाये रहते हैं। ताजा मामला महानगर थाना क्षेत्र का है यहां तैनात सिपाही राकेश कुमार को पर्स मिला तो उन्होंने पर्स में मिले कागजों के आधार पर पते को खोज निकाला और महिला अधिवक्ता को कोतवाली बुलाकर पर्स सौंप दिया। इस सिपाही ने ईमानदारी पेश करते हुए विभाग की गरिमा बढ़ाई है। बता दें कि 15 दिसंबर 2016 को हजरतगंज कोतवाली के दारुलशफा चौकी इंचार्ज संजय कुमार गुप्ता ने ईमानदारी की मिशाल पेश करते हुए सी-227 निराला नगर निवासी राजीव जगवानी की पत्नी का पर्स मिलने पर वापस लौटाया था। राजधानी में ऐसे कई पुलिसवाले हैं जिन्होंने ईमानदारी की मिशाल पेश की है। पेश है एक रिपोर्ट…
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इन्होंने ने भी पेश की मिसाल
- 7 अप्रैल 2016 को औरैया जिले के बिधूना थाने पर एक बूढ़ी औरत फरियाद लेकर पुलिसवालों के पास पहुंची थी। बूढ़ी मां को उसके खुद के बच्चों ने घर से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था। लेकिन यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने बूढ़ी मां को शरण दी थी और उसके लिए एक घर बनाने का निर्णय लिया था।
- 08 मई 2016 को गाजीपुर थाने में सिपाही अरुण कुमार सिंह ने चीता 47 पर क्षेत्र में ड्यूटी करते समय सुबह करीब साढ़े दस बजे मुंशीपुलिया चौराहे के पास एक पर्स पड़ा देखा। पर्स उठाया तो उसमे 500 के दस नोट और एक नोट 100 का एक 50 और एक बीस का नोट, विदेशी मुद्रा, एटीएम, शॉपिंग कार्ड और आधार कार्ड निकला। आधार कार्ड पर नाम सिद्धार्थ सिंह और पता 24/25 बसंत बिहार फरीदी नगर पिकनिक स्पॉट रोड गाजीपुर था। उसके आधार पर उन्होंने पर्स लौटाया तो आईजी ने उन्हें सम्मानित किया था।
- 28 मई 2016 को दारुलशफा चौकी पर तैनात कॉन्स्टेबल नटवर सिंह चाहार ने कैपिटल पास जब बैग को खोला तो उसमें युवक के क्लास बारह तक के अंक और प्रमाण पत्र, आधारकार्ड, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, टोपी सहित कई अन्य दस्तावेज थे। इस ईमानदार सिपाही ने युवक के बॉयोडाटा पर लिखे नंबर पर सम्पर्क कर अमित सविता पुत्र रामसिया सविता निवासी 631/78 अजय नगर कमता चिनहट का पता धुंध और कागजात लौटाए।
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इन्होंने ने भी पेश की मिसाल
- 05 अगस्त 2016 को दारुलशफा चौकी इंचार्ज संजय कुमार गुप्ता ने रात के 11:30 बजे ड्यूटी से घर जाते समय निशातगंज पुल के पास सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल खून से लथपथ पड़े बाइक सवार विकासनगर के 5/427 में रहने वाले अशोक पांडेय को सिविल अस्पताल में पहुंचाकर जान बचाई थी।
- 10 अगस्त 2016 को कई संगठनों के प्रदर्शन के चलते सड़क पर भयंकर जाम लग गया। जाम में एक आपातकालीन एम्बुलेंस फंस गयी। एम्बुलेंस में एक मरीज जिन्दगी और मौत के बीच लड़ रहा था। यह देख हजरतगंज कोतवाली में तैनात सिपाही नटवर सिंह चाहार वहां पर पहुंचा और भीड़ में से रास्ता बनवाकर उस आपातकालीन एम्बुलेंस को निकलवाया इससे मरीज समय से अस्पताल पहुंचा और मरीज की जान बच गई थी।
- 03 दिसंबर 2016 को राजधानी के महानगर थाने के न्यू हैदराबाद चौकी इंचार्ज दिलीप कुमार मिश्रा को एसएसपी मंजिल सैनी ने उनकी वीरता के लिए 1000 रुपये नगद और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। दिलीप ने गोमती नदी में कूदकर महिला सीमा माथुर की जान बचाई थी।
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