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सोशल ऑडिट महासंघ के पदाधिकारियों समेत सैकड़ो कार्यकर्ताओं का बुधवार सुबह सब्र का बांध टूट गया तो उन्होंने तड़के ही विधान सभा का घेराव कर लिया और प्रदेश सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की। घेराव की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें जल्द मांगे पूरी करने और सीएम से मुलाकात करवाने का आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त करवाया। इस दौरान महिला पुलिस कर्मियों से उनकी झड़प हो गई इसमें कई महिला कर्मचारी घायल हो गईं। महिलाओं का कहना था कि जान चली जाये लेकिन यहां से हटेंगे नहीं इसपर पुलिस ने लाठियों से धकेल कर उन्हें खदेड़ा तो वह सड़क पर ही लेट गईं और हंगामा किया। इस दौरान सड़क पर जाम लग गया और हंगामा भी हुआ जिसे पुलिस ने काफी देर बाद महिलाओं की गिरफ्तारी कर मामला शांत करवा पाया।

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यह है संगठन की मांगे

https://www.youtube.com/watch?v=ffIHbcUbNz0&feature=youtu.be

  • बता दें कि पिछले दिनों संगठन के कार्यकर्त्ता लक्ष्मण मेला मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें धरना स्थल के बहार ही रोक लिया था।
  • हालांकि प्रशानिक अधिकारियों के द्वारा सम्बंधित अधिकारी से मुलाकात का आश्वाशन देकर प्रदर्शन को शांत कराया गया था।
  • उत्तर प्रदेश सोशल ऑडिट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र यादव ने बताया कि संगठन पिछले डेढ़ माह से 3 सूत्रीय मांगों के लेकर धरना दे रहा है।
  • इनमें सरकार द्वारा 20 नवंबर 2016 को निकाली गई नई विज्ञप्ति को निरस्त करते हुए पहले से चयनित सोशल ऑडिट सदस्यों का नवीनीकरण किया जाये।
  • मासिक मानदेय निर्धारित कर नियमित भुगतान किया जाये। इसके अलावा दूर दराज आने-जाने का और ग्राम सभाओं में बैठक कराने के लिए उचित भत्ता दिया जाये शामिल हैं।
  • उन्होंने कहा कि प्रशासन के संवेदनहीनता के चलते महासंघ की मांगों से किनारा किये हुए है।

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