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पिछले दिनों यूपी के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में अाये ‘उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ’ के तत्वावधान में कर्मचारियों ने सड़क पर लेटकर कपड़े उतार दिए थे और और सड़क पर लेटकर जमकर तांडव किया था। इस दौरान पुलिस और सफाई कर्मचारियों के बीच धक्का-मुक्की और झड़प भी हुई। प्रशासन ने उन्हें आश्वासन देकर शांत कराया था। लेकिन मांगों पर कोई विचार न होने पर कर्मचारियों ने बुधवार सुबह ही विधान भवन का घेराव कर लिया और शीतकालीन सत्र के दौरान लोक भवन जा रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फ्लीट रोकने का प्रयास किया। इस दौरान मौके पर मौजूद भारी संख्या में पुलिस बल ने उन्हें काफी मशक्कत के बाद शांत करवाया। प्रदर्शनकारी सपा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी कर रहे थे। कर्मचारी अपनी अाठ सूत्रीय मांगों को लेकर अंदोलन कर रहे हैं।

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यह है संगठन की मांग

https://www.youtube.com/watch?v=RjtO1obfVTs&feature=youtu.be

  • संगठन के प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह के मुताबिक, करीब 50 हजार कर्मचारी विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े।
  • कर्मचारियों की मांग है कि सभी विभागों में प्रमोशन की व्यवस्था है लेकिन पंचायतीराज विभाग में पढ़े लिखे सफाई कर्मचारी होते हुए इनको प्रोन्नति के लिए कोई व्यवस्था नहीं इसलिए इसकी व्यवस्था की जाए।
  • 20 प्रतिशत कोटे का प्रस्ताव शासन को निदेशालय द्वारा भेजा गया जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया इसे तुरंत लागू किया जाए।
  • संघ के प्रदेश महामंत्री रामेन्द्र कुमार ने बताया कि 1900 ग्रेड पे न मिलने  कारन सातवें पे कमीशन पर सफाई कर्मचारियों को भारी नुकसान हुआ है।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी चतुर्थ सफाई कर्मचारियों को 1900 ग्रेड पे दिया गया लेकिन सफाई कर्मचारियों को नहीं दिया गया।
  • सफाई कर्मचारियों से गांवों में बंधुआ मजदूरों की तरह काम लेकर आज भी ग्राम प्रधान से पे-रोल पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है।

जाम से ध्वस्त हुई शहर की यातायत व्यवस्था

  • पंचायती राज सफाई कर्मचारियों के राजधानी मे विशाल प्रदर्शन के चलते शहर की रफ्तार रूक गई।
  • प्रदर्शन से शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई।
  • शार्टकट के चक्कर में लोग गलियों में घुसे इससे गलियां भी चोक हो गईं।
  • चौराहों और कटों पर पुलिस न मौजूद होन से भयंकर जाम की स्थिति बनी रही।
  • प्रदर्शन की पूर्व सूचना के बाद भी प्रशासन की कोई तैयारी नहीं थी इसके चलते शहरवासियों को दिक्कत का सामना करना पड़ा।

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