हाल ही में केंद्र सरकार ने वेतन भुगतान के कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया है. जिसके तहत कंपनियों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों को कर्मचारियों को वेतन का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके या चैक से करना होगा.
नकद भुगतान का भी होगा विकल्प :
- हाल ही में वेतन भुगतान में संशोधन में बदलाव लाने का फैसला लिया गया है.
- जिसके तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वेतन भुगतान कानून 1936 में संशोधन के लिए अध्यादेश का रास्ता चुना है.
- इसके जरिये नियोक्ता तथा कुछ उद्योग वेतन का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके या चेक से कर सकेंगे.
- इसके अलावा नियोक्ताओं के पास वेतन का भुगतान नकद में करने का भी विकल्प होगा.
- सरकार आमतौर पर नए नियमों को तत्काल क्रियान्वित करने के लिए अध्यादेश लाती है.
- आपको बता दें कि यह अध्यादेश छह माह के लिए वैध होता है.
- इस अवधि में सरकार को इसे संसद में पारित कराने की जरूरत होती है.
- वेतन भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2016 के तहत मूल कानून की धारा छह में संशोधन का प्रस्ताव है.
- जिससे नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान चेक से या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कर सकेगा.
- पिछले दिनों नोटबंदी पर हंगामे के बीच श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने संसद में यह विधेयक पेश किया था.
- जिसके तहत राज्य सरकारें ऐसे उद्योग या प्रतिष्ठान तय कर सकती हैं जो वेतन देने के लिए नकदीरहित तरीके का इस्तेमाल करते हैं.
- विधेयक में कहा गया है कि यह नई प्रक्रिया डिजिटल और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था के उद्देश्य को पूरा करती है.
- आपको बता दें कि यह कानून 23 अप्रैल, 1936 को अस्तित्व में आया था.
- इसके तहत वेतन का भुगतान सिक्के और मुद्रा नोटों या दोनों में किया जा सकता है.
- इसमें वेतन का भुगतान चेक या बैंक खाते के जरिये करने के प्रावधान को 1975 में शामिल किया गया.
- फिलहाल इस कानून के दायरे में प्रतिष्ठानों के कुछ श्रेणियों के वे कर्मचारी आते हैं जिनका वेतन 18,000 रुपये मासिक से अधिक नहीं है.
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