उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी टिकट वितरण पर दो धड़ों में बंट चुकी है, जिसके बाद राजनीतिक विशेषज्ञ यहाँ तक कह चुके हैं कि, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी एक नई पार्टी भी बना सकते हैं। गौरतलब है कि, सपा में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण पर सपा प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच तनातनीन और ज्यादा बढ़ चुकी है।

करीबियों पर गिरी गाज:

समाजवादी पार्टी टिकट वितरण को लेकर टूट की कगार पर पहुँच चुकी है, जिसके बाद अब किसी प्रकार की कोई सम्भावना दिखाई नहीं दे रही है। समाजवादी पार्टी में पिछले 48 घंटों के अन्दर अब तक 2 लिस्ट आ चुकी हैं, इसके साथ ही कम से कम दो बार लिस्टों को संशोधित किया जा चुका है।

गौरतलब है कि, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश दोनों ने ही अपनी-अपनी लिस्ट सौंपी थी। जिसके बाद सपा प्रमुख ने अखिलेश यादव की लिस्ट और उनके करीबियों को टिकट वितरण में पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था।

मुख्यमंत्री अखिलेश की लिस्ट से गायब रहीं अपर्णा यादव:

सपा प्रमुख द्वारा सीएम अखिलेश की लिस्ट उपेक्षा किये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने भी अपना पलटवार किया। पलटवार के तहत सीएम अखिलेश ने अपनी लिस्ट से यादव परिवार की दूसरी बहू अपर्णा यादव को गायब कर दिया। ज्ञात हो कि अपर्णा यादव मौजूदा समय में कैंट इलाके से सपा की प्रत्याशी हैं।

ये हैं वो वजह जिनकी वजह से कटा अपर्णा यादव का टिकट:

सपा में अनबन के हालात कुछ इस प्रकार हो चुके हैं कि, पार्टी के महासचिव रामगोपाल ने यहाँ तक कह दिया कि, अब समझौता संभव नहीं है। जिसके बाद सपा समर्थकों की बची हुई उम्मीद को भी तगड़ा आघात पहुंचा है। इसके साथ ही जिस तरह शिवपाल ने अपनी लिस्ट में अखिलेश के करीबियों को नजरअंदाज किया तो अखिलेश ने अपनी लिस्ट शिवपाल खेमे के लोगों को उड़ा दिया।

शिवपाल गुट के करीबियों में अखिलेश ने यादव परिवार की दूसरी बहू अपर्णा यादव का टिकट भी अपनी लिस्ट से काट दिया। विशेषज्ञों की मानें तो अपर्णा यादव को शिवपाल गुट के करीबी होने की सजा मिली है। इसके साथ ही एक और प्रमुख वजह यह भी रही कि, पार्टी में एक बार अपर्णा यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की बात कही चली थी।

इसके अलावा सभी जानते हैं कि, अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश पहले भी दबे स्वरों में यह कह चुके हैं कि, समाजवादी पार्टी में मची कलह साधना के इशारे पर हो रही है।

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