उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी में सियासी संकट के बादल छंटते नजर आ रहे हैं, ज्ञात हो की सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। जिसके बाद 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री अखिलेश का निष्कासन वापस ले लिया है।
रामगोपाल पर भी सपा प्रमुख की दयादृष्टि:
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश समेत रामगोपाल भी अपनी दयादृष्टि डाल दी है। जिसके बाद रामगोपाल यादव का भी निष्कासन रद्द कर दिया गया है। जिसके बाद एक फिर से सभी ने तरह-तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए, जिसमें कुछ लोगों का मानना है कि, पार्टी में सब कुछ ठीक हो गया है।
जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि, क्या सच में समाजवादी पार्टी में सब कुछ ठीक हो गया है? या एक बार फिर आने वाले कुछ महीनों में हमें समाजवादी पार्टी और परिवार में कलह देखने को मिलेगी? जिसके जवाब में ऐसा कहा जा सकता है कि, समाजवादी पार्टी के अन्दर सब कुछ ठीक नहीं है।
रामगोपाल के बागी तेवर जारी:
सपा में सब कुछ ठीक है या नहीं ये बड़ा सवाल है, लेकिन निष्कासन रद्द होने के बाद भी रामगोपाल यादव के बगावती तेवर जारी है, साथ ही 1 जनवरी 2017 को जनेश्वर मिश्र पार्क में बुलाया गया अधिवेशन भी रद्द नहीं किया गया। जबकि सपा प्रमुख ने इसे रोकने की पूरी कोशिश की थी। वहीँ रामगोपाल यादव ने मीडिया से बातचीत में भी ये कहा था कि, राष्ट्रीय अधिवेशन होगा और उसी में फैसला लिया जायेगा।
समाजवादी पार्टी का घमासान अब अस्तित्व की लड़ाई बन चुका है, माना कि, कुछ समय के लिए इस नाटक का अंत कर दिया गया है। लेकिन समाजवादियों की ‘पिक्चर’ अभी बाकी है।