मोहब्बत की निशानी ताजमहल के प्रति अब विदेशी पर्यटकों का आकर्षण तो बढ़ रहा है लेकिन भारतीय पर्यटकों का मोहभंग हो रहा है। खास तौर पर नोटबंदी के बाद से ताजमहल पर सैलानी भारतीय पर्यटक तेजी से घटे हैं। 2016 में ताजमहल के दीदार करने वालो के आंकड़ों में विदेशी सैलानी तो बढ़ गए लेकिन भारतीय सैलानिओ की संख्या में भारी कमी आयी है। साल 2016 में बीते साल के मुकाबले 3 लाख भारतीय पर्यटक कम पहुंचे, वहीं विदेशी सैलानियों की संख्या में करीब 22 हजार का इजाफा हुआ। ये साबित करता है कि अब भारतीयों को ताज की सुंदरता नहीं आकर्षित कर रही है।
आंकड़े बता रहे जमीनी हकीकत
- आगरा में ताज के दीदार में पहली बार भारतीय पर्यटक की संख्या में कमी आयी है।
- जबकि विदेशी सैलानी इस साल बढ़ गए है।
- सबसे ज्यादा कमी नोटबंदी के बाद ताज के दीदार में आया है।
- अकटूबर से लेकर फरवरी तक टूरिस्ट सीजन होता है।
- लेकिन नोटबन्दी ने सबका बजट बिगाड़ दिया है।
- पहली बार विदेशी सैलानियों की संख्या में तीन साल से आ रही गिरावट न केवल थमी है। बल्कि इनकी संख्या 22 हजार बढ़ी है।
आखिरी दिन पहुंचे इतने पर्यटक
- साल के आखिरी दिन ताजमहल पर 30,817 भारतीय पर्यटक और 3621 विदेशी पर्यटक पहुंचे।
- बच्चों के फ्री होने के कारण ताज पर शनिवार को करीब 70 हजार सैलानियों की भीड़ रही।
- इस साल दिसंबर में 1.25 लाख सैलानी कम आगरा।
- नवंबर के बाद दिसंबर में भी भारतीय सैलानियों की संख्या में कमी आई।
- नवंबर में जहां 4.51 लाख पर्यटक ताजमहल पर आए थे, वहीं
दिसंबर में 4.34 लाख भारतीय सैलानी ही पहुंचे। - बीते साल नवंबर में यह संख्या 5.89 लाख और दिसंबर में 5.58 लाख थी।
- ये आंकड़े साबित करते है कि मोहब्बत की निशानी ताज अब भारतीय पर्यटक के लिए पहली पसन्द नहीं आ रहा है।
- साल 2014 में 53,77,891 भारतीय पर्यटक, 6,94,610 विदेशी पर्यटक ताज का दीदार करने पहुंचे।
- साल 2015 में 58,42,287 भारतीय पर्यटक, 6,39,338 विदेशी पर्यटक ताज का दीदार करने पहुंचे।
- जबकि साल 2016 में 55,40,445 भारतीय पर्यटक, 6,61,148 विदेशी पर्यटक ताज का दीदार करने पहुंचे।
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