नोट बंदी लागू होने के बाद किस बैंक कितनी रकम दी गई है इस पर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ने कोई भी जानकारी देने से साफ़ इनकार किया है.
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दायर की थी RTI
- अनिल गलगली ने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से ये जानकारी मांगी थी.
- नोट बंदी के बाद बैंकों तक कितना पैसा पहुंचाया गया है.
- केंद्रीय जन सूचना अधिकारी पी विजय कुमार ने दाखिल आरटीआई पर दिया जवाब.
- विजय कुमार बोले आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 8(1) (जी) के तहत.
- ये जानकारी पब्लिक नहीं की जा सकती है.
सूचना सार्वजानिक करना हो सकता है खतरनाक
- रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया के मुताबिक़ इन सूचनाओं पर जानकारी देना.
- किसी शख्स के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरे में ला सकता है.
- आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस बेतुका बयान करार दिया है.
- आरबीआई की मुद्रा प्रबंध विभाग की कार्यपाल निदेशक डॉ दीपाली पंत जोशी को इस सन्दर्भ में जवाब देने को कहा है.
- गलगली की मानें तो इस नोट बंदी के दौरान बैंकों में भी खूब घपले हुए.
- जिसे छुपाया जा रहा है इसके अलावा सरकारी बैंकों को कम रकम दी गयी है.
- प्राइवेट बैंकों को ज्यादा पैसे पहुंचाए गए हैं.
- जिससे बैंकों में इतनी अफरा तफरी मच गयी थी.
- याचिकाकर्ता के अनुसार इस जानकारी को सार्वजनिक करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
- इस सूचना की आड़ में बहुत कुछ छुपाया जा रहा है.
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