प्रदेश की राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रपोजल के तहत शहरवासियों से लिए गये सुझावों में 70 प्रतिशत लोगों ने राजधानी के हेरिटेज जोन को तवज्जो देने की बात कही है। लोगों का मानना है कि तमाम सुधार के साथ ही हेरिटेज जोन के रखरखान की भी खास जरूरत है। वहीं 21 प्रतिशत लोगों ने यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की बात कही है। इसके साथ ही 3 प्रतिशत लोगों ने रिक्रिएशन स्पेसेज की बात कही है।

हेरिटेज जोन में लोगों ने खासतौर से कैसरबाग की ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण पर जोर दिया है। लेकिन प्रशासन के लिए हेरिटेज जोन का कायाकल्प करना आसान नहीं होगा। कैसरबाग हेरिटेज जोन की इमारतें एएसआई और स्टेट ऑर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के अधीन हैं। ऐसे में इनका सौन्दर्यीकरण बिना इनकी मदद के नहीं किया जा सकता, और साथ ही नगर निगम के साथ विभागों के समन्वय की कमी एक बड़ी बाधा साबित हो रही है। पहले ही सिब्तैनाबाद इमामबाड़ा, रौशनउद्दौला कोठी, छतरमंजिल, कैसरबाग गेट, मोरिस मार्केट सहित अन्य हेरिटेज इमारतों को काफी नुकसान पहुंच चुका है। निष्क्रियता और प्रोत्साहन के अभाव में हेरिटेज वॉक भी ज्यादा सफल नहीं रहा है, और इन सब का सीधा असर टूरिज्म पर देखने को मिल रहा है।

ये बनी है कार्ययोजनाः

  • छतर मंजिल में कल्चरल एंड हेरिटेज सेंटर खोला जाएगा।
  • शहीद स्मारक के पीछे ठंडी सड़क को फिर से बनाकर अवध वॉक शुरू की जाएगी।
  • लोग संस्कृति से जुड़ाव के लिए रौशनउद्दौला कोठी में कम्युनिटी क्लब शुरू किया जाएगा।
  • मोरिस मार्केट के भी सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव है। और सभी ऐतिहासिक इमारतों की फेस लाइटिंग कराई जाएगी।
  • बेगम हजरत महल पार्क में अवध पॉइंट बनाकर अवधी फूड, फोक ऑर्ट्स के स्टॉल्स खोले जाएंगे।

नगर आयुक्त का कहना है कि विभागों के बीच समन्वय बनाने के लिए ही एमओयू किया गया है। इससे स्मार्ट सिटी के तहत सभी काम विभागों की मदद से करवाए जा सकेंगे। पब्लिक फीडबैक काफी महत्वपूर्ण है। हमने इसी आधार पर प्रॉजेक्ट बनाया है।

 

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