आधार कार्ड की अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रेम कोर्ट में ताचिका दाखिल हुई थी.जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई करने से साफ़ इनकार कर दिया है.याचिकाकर्ता ने ये मांग उठाई थी की संवैधानिक पीठ के सामने जल्द से जल्द सुनवाई हो.
राइट टू प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन कर रहा है आधार कार्ड प्रयोग
- याचिकाकरता ने बोला है की सरकार आधार कार्ड के ज़रिये सरकार लोगों पर लगातार नजर रख रही है.
- जिससे लोगों की प्राइवेसी पर असर पड़ रहा है.
- साल 2015 में आधार कार्ड पर सुनवाई हुई थी.जिससे केंद्र को बड़ी राहत मिली थी.
- मनरेगा, पीएफ, पेंशन और जनधन योजना के साथ आधार कार्ड को लगाने का फैसला दिया था.
- पर यह फैसला अनिवार्य नहीं स्वैक्छिक था.
- बेंच के इस फैसले से आरबीआई, सेबी और गुजरात सरकार को काफी परेशानियां हुई थी.
- इस फैसले के खिलाफ इन सबकी और से याचिका दायर की गयी थी.
- लेकिन मामले को संवैधानिक पीठ को ट्रान्सफर कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के विभिन्न मापदंडो पर आदेश दिया था
- पुराने आदेश में एलपीजी, केरोसिन और पीडीएस के लिए ही आधार कार्ड का प्रयोग करने को कहा था.
- सरकार ने आधार को देश हित में बताया था.
- केंद्र सरकार ने बोला था कि आधार कार्ड का प्रयोग गावों को भी विकास से जोड़ रहा है.
- सरकार ने बोला था कि आधार कार्ड के प्रयोग से सरकार की योजनायें घर घर तक पहुंच रही हैं.
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