उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव का पहला चरण 11 फरवरी से शुरू हो रहा है, वहीँ चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों को छोड़कर सभी दलों ने लगभग अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुके हैं।
भाजपा प्रधानमंत्री मोदी भरोसे:
- यूपी के विधानसभा चुनाव अब सिर पर हैं, जिसके लिए सभी दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है।
- वहीँ भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
- विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा और मुख्यमंत्री के चेहरे पर पार्टी ने अपना नजरिया साफ़ नहीं किया है।
- फिलहाल तो भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार के काम और उनकी योजनाओं के भरोसे ही चुनाव में उतर रही है।
- प्रधानमंत्री मोदी पहले ही लगभग एक दर्जन रैलियां सूबे के सभी भागों में कर चुके हैं।
- वहीँ ऐसा भी नहीं है कि, पीएम मोदी कि लोकप्रियता में किसी प्रकार की कोई कमी आई हो।
- लेकिन, सूबे की जनता ये बात जानती है कि, कुछ भी हो जाये मोदी यहाँ के मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं।
भाजपा का एक ही राग:
- पार्टी शुरू से ही प्रत्याशियों और खासकर मुख्यमंत्री चेहरे के नाम पर बचती नजर आती है।
- यही कारण है कि, मुख्यमंत्री के चेहरे के नाम पर पार्टी पदाधिकारी हर बार,
- “मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं में से कोई होगा का रटा रटाया राग अलापते हैं”।
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