उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव का पहला चरण 11 फरवरी से शुरू हो रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव पर पूरा देश नजरें जमाये हुए है। यूपी विधानसभा चुनाव का रुतबा देश के किसी भी चुनाव से ज्यादा होता है ये बात सभी जानते हैं। वहीँ 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव प्रमुखता से ‘बेटों की चुनावी काउन्सलिंग’ के लिए याद किया जायेगा।
पहला नाम सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव:
- बीते जुलाई 2016 में मची घमासान के लिए समाजवादी पार्टी को आने वाले समय में कई दिनों तक याद रखा जायेगा।
- साथ ही यह भी याद रखा जायेगा कि, किस तरह राजनैतिक लाभ से प्रेरित होकर एक बेटे ने अपने पिता को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया।
- लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि, नेताजी की भले ही राजनीतिक गलियारे में फजीहत हुई हो लेकिन इसके रचयिता नेताजी ही हैं।
- जिन्होंने अपने बेटे की इमेज मेकिंग के लिए ही सारा नाटक गढ़ा था।
- वहीँ इसके लिए उन्होंने अपने दो प्रमुख सिपहसालारों अमर सिंह और शिवपाल सिंह यादव को चुना।
दूसरा नाम राजनाथ सिंह:
- भाजपा के कद्दावर नेता और मौजूदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी 2017 के चुनाव में अपने बेटे की राजनीतिक राह को आसान बना रहे हैं।
- राजनाथ सिंह साहिबाबाद सीट से पंकज सिंह को चुनाव लड़ाना चाहते हैं।
- लेकिन भाजपा उस क्षेत्र के आस-पास की सीटों पर पहले ही क्षत्रिय उम्मीदवारों को चुन चुकी है।
- इसलिए भाजपा साहिबाबाद सीट से अन्य किसी वर्ग के उम्मीदवार को खड़ा करना चाहती है।
- वहीँ राजनाथ सिंह के परिवार के लिए साहिबाबाद एक सुरक्षित सीट है।
- सीट प्रत्याशी के चयन के लिए राजनाथ सिंह ने दखलअन्दाजी की तो पार्टी में घमासान शुरू हो गया है।
- गौरतलब है कि, गाजियाबाद क्षेत्र में राजनाथ सिंह के परिवार का रसूख ज्यादा है।
तीसरा नाम नारायण दत्त तिवारी:
- अक्सर जिस उम्र में लोग सन्यास ले लेते हैं उस उम्र में पूर्व कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी दूसरी शादियाँ कर लेते हैं।
- नारायण दत्त तिवारी का एक बेटा पहले से ही कांग्रेस में अपनी जगह बना चुका है।
- जिसके बाद अन्य बेटे की राजनीतिक पारी की शुरुआत के लिए एनडी तिवारी बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए।
- उनके साथ ही उनके बेटे रोहित शेखर भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
अपने बेटों के लिए राजनीतिक गलियारा बुहारते राजनेता:
- यूपी विधानसभा चुनाव 2017 को ‘बेटों की चुनावी काउन्सलिंग’ के लिए याद किया जायेगा।
- 2017 का विधानसभा चुनाव तो इतना महत्वपूर्ण है कि, एक पिता ने अपने बेटे की छवि के लिए अपनी इज्जत की बोली लगा दी।
- वो कहते हैं न कि, दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश होकर ही जाता है।
- शायद इसीलिए 2017 में राजनेता अपने बेटों के लिए राजनीतिक गलियारा बुहारते नजर आ रहे हैं।
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