गत वर्ष 30 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के सांबा क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद बीएसएफ द्वारा एक सुरंग खोजी गयी थी. बताया जाता है कि यह हमला इसी सुरंग के जरिए बॉर्डर पार करके आये आतंकियों द्वारा किया गया था.
आईआईटी ने की थी बड़ी खोज :
- गत वर्ष सांबा में होने वाले हमले के ज़िम्मेदार आतंकियों ने एक सुरंग द्वारा सीमा पार कर घुसपैठ की थी.
- हमले के बाद सेना द्वारा चलाये गए सर्च ऑपरेशन में इस सुरंग की खोज की जा सकी.
- जिसके बाद अब आतंकियों की साजिश को नाकाम करने के लिए आईआईटी ने एक बड़ी खोज की है.
- जिसके तहत अब ज़मीन में छुपी सुरंगों का बहुत आसानी से पता लगाया जा सकता है.
- यही नहीं ज़मीन में कहाँ-कहाँ लैंडमाइंस बिछी हैं इसका भी पता बड़ी आसानी से लगाया जा सकेगा.
- सांबा सेक्टर में बीएसएफ द्वारा एक 340 मीटर लंबी सुरंग को खोजा गया था.
- बता दें कि यह सुरंग पठानकोट एयरबेस से करीब 58 किलोमीटर दूर थी.
- आपको बता दें कि 2001 से 2016 के बीच 8 सुरंगों का पता लगाया जा चुका हैं,
- जिनका उपयोग आतंकियों द्वारा भारत में घुसपैठ करने के लिए किया गया था.
- जिसके बाद अब सुरंग के जरिए घुसपैठ को रोकने के लिए IIT बेंगलुरु की नेशनल सेंटर फॉर एक्सीलैंस इन टेक्नोलॉजी फॉर इंटरनल सर्विस (NCETIS) अन्य आईआईटी के साथ मिलकर काम करेगी.
- यह 920 MHZ वाली ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) बनाएंगे,
- यह रडार न केवल टनल का पता लगाएगी बल्कि जमीन में बिछे लैंडमाइन का भी पता लगाएगी.
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