सशस्त्र सैन्य अधिकरण द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला दिया गया है.सेकेंड लेफ्टिनेंट रहे एसएस चौहान का कोर्ट मार्शल रद्द कर रक्षा मंत्रालय पर पांच करोड़ का जुर्माना ठोका है.कोर्ट ने एसएस चौहान की सेवा बहाल कर सभी सुविधायें देने का आदेश दिया है.
न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में फैसला
- न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में ये फैसला दिया गया है.
- फैसला देते हुए 4 करोड़ रुपये उन्होंने एसएस चौहान को देने को कहा है .
- साथ ही एक करोड़ रूपये आर्मी सेंट्रल वेलफेयर कोष में जमा करने को कहा है.
- कोर्ट ने इस केस में FIR दर्ज करने की छूट पीड़ित को दी है.
जांच को चार महीने में पूरा करने के आदेश
- सैन्य अधिकरण ने कोर्ट मार्शल का फैसला रद्द करते हुए कड़ी जांच के निर्देश दिए हैं.
- मामले को गंभीरता से लेते हुए एक समिति का गठन करने को कहा है.
- भविष्य में ऐसी गलती दोबारा ना हो इसका भी ध्यान रखा जाए.
- रक्षा मंत्रालय और सेना प्रमुख को भी इस मामले में ध्यान देने को कहा गया.
- किसी अधिकारी पर बिना पुख्ता सबूत के उसका कोर्टमार्शल करना बेहद निंदनीय है.
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