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भले ही उत्तर प्रदेश में पिछले पांच सालों में प्रदेश के चारों तरफ विकास हुआ हो लेकिन मऊ जिले का कांशीराम आवास विकास के दावों की पोल खोलता नज़र आ रहा है। जिले के कांशीराम आवास की दशा बहुत ही खराब हो गई है। यहां गरीबों को मिलने वाली मायावती के शासनकाल की सभी योजनाएं सपा सरकार ने बंद कर दी हैं।
अगले पेज पर वीडियो के साथ देखिये पूरी खबर:
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माया की महत्वकांक्षी योजना में विकास नहीं?
https://www.youtube.com/watch?v=mvcoVuv9Fdo&feature=youtu.be
- यहां के निवासियों का आरोप है कि मायावती सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत बसाये गए इन कांशीराम आवास को सपा सरकार अपना वोट बैंक न मानकार विकास नहीं किया है।
- मूलभूत सुविधाओं से कांशीराम आवास के लोग दयनीय जिंदगी जीने को बाध्य हैं।
- पानी की टंकी है पर उसमे पानी नहीं है। इसके चलते लोग पानी हैण्ड पाईप से भर कर तीसरे तल तक ले जाने को मजबूर हैं।
- वही बसपा सरकार में आ रहे 165 रुपये प्रति माह बीजली के बिल आज हजारों रूपए के ऊपर आ रहे हैं।
- वहीं महामाया पेंशन जो मिलती थी उसे बंद कर दिया गया। उसके बाद समाजवादी पेंशन में उनका नाम दर्ज नहीं किया गया।
- जबकि जिन्हें पेंशन मिलती थी वह सब इसके पात्र हैं। आवास के अगल-बगल कूड़े का अम्बर लगा रहता है।
- नगर पालिका द्वारा साफ सफाई भी नहीं की जाती है। वही पानी की सप्लाई सालों से बंद पड़ी है।
- यहां के रहने वाले शंकर गुप्ता, रुबीमा, उमी हबीबा ने सवाल करते हुए कहा कि अपने फायदे और नुकशान को देखते हुए प्रदेश की निवर्तमान सपा सरकार ने कांशीराम आवास के लोगों को उपेक्षा का शिकार बना दिया है।
- इनमें हम लोगों का क्या कसूर है।
- मायावती की सरकार बदलने पर सपा के हवा-हवाई विकास का दावा और ‘काम बोलता है’ के सिर्फ नारा भर दे देने से क्या प्रदेश का विकास हो गया है।
- गरीबों को मिलाने वाले अधिकार से आज भी गरीब वंचितहैं।
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