हरियाणा देश का ऐसा भाग जो हमेशा से ही लिंग अनुपात में लड़कियों का अनुपात कम होने के लिए जाना जाता है. परंतु अब करीब 10 साल बाद इस दिशा में सुधार होता नज़र आ रहा है.
अनुपात पहुँचा 900 के पार :
- हरियाणा भारत देश का वह भाग है जहाँ लड़कियों-लड़कों में हमेशा से भेदभाव किया गया है.
- यही नहीं यहाँ हमेशा से ही लिंग अनुपात चिंताजनक तरीके से गिरता नज़र आता था.
- परंतु अब इस अनुपात में सुधार होता नज़र आ रहा है.
- दरअसल गत दिसंबर लड़कियों का अनुपात प्रति 1000 लड़कों के मुकाबले 900 के पार पहुंच गया है.
- आपको बता दें कि दस सालों में ऐसा पहली बार हुआ है.
- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अनुसार लिंगानुपात में पिछले दस वर्षों में पहली बार ऐसा अनुपात सामने आया है.
- जिसके बाद अब यह संख्या प्रति एक हजार लड़कों पर 903 लड़कियों की है.
- इसके लिए खट्टर ने एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की सफलता के लिए राज्य की बहुआयामी रणनीति को श्रेय दिया,
- आपको बता दें कि इस कार्यक्रम को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लागू किया गया है,
- बता दें कि दिसम्बर में 12 जिलों में लिंगानुपात 900 से ऊपर पहुंचा है.
- जिसमे से हरियाणा का सिरसा इस सूची में शीर्ष पर है,
- जहां प्रति एक हजार लड़कों पर 999 लड़कियां हैं.
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकूला में लिंगानुपात 961, करनाल में 959,
- फतेहाबाद में 952, गुड़गांव में 946, सोनीपत में 942, जींद में 940, रेवाड़ी में 931, मेवात में 923,
- भिवानी-महेंद्रगढ़ में 912 और हिसार में 906 है.
- गौरतलब है कि सूची में सबसे कम अनुपात झज्जर का 794 लड़कियों का है.
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