उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के तहत गठबंधन हो गया है। हालाँकि, यह गठबंधन काफी मनौने के बाद हुआ, पर आख़िरकार अखिलेश यादव मान ही गए और गठबंधन को हरी झंडी दिखा दी।

गठबंधन में फंसा पेंच:

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच थोड़ा लेट गठबंधन हुआ, जिसके पीछे किसी ने सीटों की बंटवारे पर पेंच फंसने की बात कही तो किसी ने कुछ मौजूदा विधायकों के मुद्दे को वजह बताया। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि, गठबंधन में देरी की असली वजह कांग्रेस का नारा ’27 साल, यूपी बेहाल’ था।

गौरतलब है कि, कांग्रेस पिछले 27 सालों से यूपी की सत्ता से गायब है, जिसके चलते 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने ’27 साल, यूपी बेहाल’ का नारा दिया था। लेकिन जनता ने कांग्रेस को राहुल गाँधी से ही सीरियसली लेना छोड़ दिया है।

इस शर्त पर हुआ गठबंधन:

सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी से गठबंधन के लिए मंदिर सरीखे 5 केडी के चक्कर लगा रहे प्रशांत किशोर से अखिलेश यादव ने कहा कि, गठबंधन सिर्फ एक ही शर्त पर हो सकता है। जब कांग्रेस अपने नारे से समाजवादी पार्टी की सरकार के समय को निकाल दे।

सूत्रों के मुताबिक, इस शर्त को लेकर प्रशांत किशोर जब राहुल गाँधी के पास गए तो उन्होंने कुछ देर विचार करने के बाद कैलकुलेटर निकालकर गुण-भाग किया और ’27 साल यूपी बेहाल’ में से 27 हटाकर उसे 17(5 साल अखिलेश के + 5 साल नेताजी के) साल से रीप्लेस कर दिया था। जिसके बाद ही गठबंधन संभव हो पाया।

(व्यंग्य)

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