मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. मान्यता है कि इस दिन तड़के उठ कर गंगा में स्नान करने के लिए स्नान करने के बाद दान आदि करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.
जानें मौनी अमावस्या का महत्व-
- मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान, पुण्य तथा जाप करना चाहिए.
- इस दिन प्रातः काल उठकर दैनिक कर्मों से निवृत होकर स्नान आदि करना चाहिए.
- स्नान करते हुए मौन धारण करें.
- जाप करने तक मौन व्रत का पालन करें.
[ultimate_gallery id=”50333″]
- स्नान तथा जप आदि के बाद हवन, दान आदि कर सकते हैं.
- इससे पापों का नाश होता है.
- इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल की प्राप्ति होती है.
- साथ ही इस दिन व्यक्ति यह प्राण करें कि वह झूठ, छल-कपट आदि की बात नहीं करेगा.
मौन व्रत का महत्व-
- इस दिन मौन व्रत रखे जाने का परंपरा है.
- कई लोग इस दिन से मौन व्रत रखने का प्राण भी करते हैं.
- यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है कि वह कितने समय के लिए मौन व्रत रखना चाहता है.
- कोई व्यक्ति एक दिन, कोई एक महीना और कोई एक वर्ष मौन व्रत धारण करने का संकल्प कर सकता है.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें