आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की प्रान्तीय कार्य समिति की रविवार को एक आवश्यक बैठक विधान सभा चुनाव को लेकर राजनैतिक पार्टियों द्वारा जारी घोषणा पत्र पर गम्भीर गहन चिन्तन हेतु सम्पन्न हुई।
प्रदेश के 8 लाख आरक्षण समर्थक करेंगे विरोध
- संघर्ष समिति के नेताओं ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि समाजवादी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी जो लगातार पदोन्नतियों में आरक्षण की विरोधी रही हैं।
- अब उनके द्वारा जारी घोषणा पत्र से पूरी तरह साफ हो गया है कि आने वाले समय में उनका पदोन्नतियों में आरक्षण सहित आरक्षण के गम्भीर मुद्दों पर कोई लेना देना नहीं है।
- उसी के साथ कांग्रेस पार्टी ने पूर्व में एक दलित सम्मेलन में पदोन्नतियों में आरक्षण की वकालत की थी।
- परन्तु अब जब वह समाजवादी पार्टी के साथ गठबन्धन में है तो निश्चित तौर पर उसका भी आरक्षण के मुद्दे पर कोई सरोकार नहीं रहा है।
- इसलिये सर्वसम्मति से यह ऐलान किया जाता है कि वोट की चोट से प्रदेश के 8 लाख आरक्षण समर्थक कार्मिक,
- 2 लाख शिक्षक व उनके नाते रिश्तेदार सपा, भाजपा व कांग्रेस का हर स्तर पर वोट की चोट से एकजुट होकर सबक सिखायेगें।
आरक्षण विरोधी है भाजपा
- आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा, इं. केबी राम व कृपा शंकर ने कार्य समिति को सम्बोधित करते हुये कहा कि सभी लाखों आरक्षण समर्थक कार्मिक पूरे प्रदेश में सपा,
- भाजपा व कांग्रेस के आरक्षण विरोधी नीतियों का पर्दाफाश करें और सभी को जागरूक कर इस बात का संदेश दें,
- कि अब बाबा साहब द्वारा बनायी गई संवैधानिक व्यवस्था आरक्षण की रक्षा तभी हो जायेगी जब उत्तर प्रदेश में आरक्षण समर्थक सरकार बनेगीं।
बाबा साहब के नाम पर दलितों को कर रहे गुमराह
- उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से केन्द्र की मोदी सरकार ने बाबा साहब के नाम पर दलित समाज को गुमराह किया और जब घोषणा पत्र में पदोन्नतियों में आरक्षण को स्थान देने का नम्बर आया तो सभी चुप हो गये।
- संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा भाजपा व आरएसएस दोंनों का एकमात्र एजेण्डा है कि किसी तरह देश से आरक्षण रूपी संवैधानिक व्यवस्था समाप्त की जाय।
- परन्तु शायद वह यह भूल गये हैं कि देश का करोड़ों आरक्षण समर्थक अपनी वोट की ताकत से उसे ही समाप्त कर देगा जो आरक्षण को समाप्त करने की बात करते हैं।
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