उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में स्वच्छ भारत अभियान की ज़मीनी स्तर पर पड़ताल करके uttarpradesh.org ने शीर्षक “यहाँ पीएम मोदी का स्वच्छ भारत अभियान हुआ फेल!” से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस खबर का जिलाधिकारी अमेठी योगेश कुमार ने संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं.डीएम का निर्देश मिलते ही विकास खण्ड स्तरीय टीम ने मुसाफिरखाना तहसील के चन्दीपुर कैलासपुर में भारत स्वच्छ अभियान के तहत बने शौचालयो के निर्माण का जायजा लिया.निरीक्षण के दौरान शौचालयो के निर्माण में काफी गड़बड़ियां देखनो को मिली.
तीन दिन में ही दुरुस्त होंगी खामियां-
- हमारी खबर से शुरू हुई भारत स्वच्छ अभियान के तहत बने शौचालयो की जाँच.
- डीएम अमेठी योगेश कुमार के निर्देशानुसार सोमवार को अधिकारियों की विकास खण्ड स्तरीय टीम ने मुसाफिरखाना तहसील के चन्दीपुर कैलासपुर में भारत स्वच्छ अभियान के तहत बने शौचालयो के निर्माण का जायजा लिया.
- अधिकारियों की टीम को निरीक्षण के दौरान शौचालयो के निर्माण में काफी गड़बड़ियां देखनो को मिली.
- एडीओ पँचायत रामजी मिश्र ने कहा कि शौचालय निर्माण में कुछ अवश्य ही अनियमितता दिखी है
- जिसमे गड्डो के ढक्कन,पड़ने वाली मिट्टियां आदि है
- एडीओ रामजी मिश्र ने शौचालयों में दिखी खामिया को लेकर ग्राम विकास अधिकारी तथा ग्राम प्रधान को निर्देश दिए की इस तरह के जितने भी शौचालयों में खामिया दिख रही है उन्हें जल्द ही ठीक करवाएं.
- इसके साथ उन्होंने यह भी हिदायत दी कि योजनाओं में किसी भी तरह अनियमितता न हो अन्यथा कार्रवाई होगी.
- निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर जब एडीओ पँचायत राम जी मिश्र से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह तो तकनीकी जाँच का विषय है .
- लेकिन जो भी खामिया निरीक्षण के दौरान मिली है उन्हें तीन दिन में ही दुरुस्त कराया जायेगा.
निरीक्षण की भनक लगते ही लोगों के हाथ पांव फूले-
- डीएम अमेठी के सख्त निर्देश के बाद जब सचिव को इस बात की भनक लगी की डीपीआरओ अमेठी मुसाफिरखाना तहसील के चन्दीपुर कैलाशपुर में बने शौचालयो का आज निरीक्षण कर सकते हैं.
- तो सचिव राम कुमार और ग्राम प्रधान शिव बालक यादव अपने दल बल के साथ चन्दीपुर कैलाशपुर गांव की ओर दौड़ पड़े.
- यही नही ये लोग आनन फानन में ग्रामीणों और साथ गये कर्मचारियो से साथ मिल कर जल्द में ही गड्डो के ढक्कन मिट्टी तथा साफ सफाई करवाते दिखाई दिए.
- इसी क्रम में इन्हों ने लगभग चार घण्टे में जितनी मेहनत की उतनी तो शायद निर्माण के समय में भी नही की होगी.
- बहरहाल ग्रामीणों के साथ मिल कर्मचारीयों ने शौचालयो की कमियों को दूर करनेें के लिए जी जान से पसीना बहाया.
- इस बात की पूरी कोशिश की गई कि अधिकारियो के निरीक्षण के दौरान शौचालय के घोटाले में शामिल गर्दन मुसीबत के फंदे से बच सके .
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