प्रत्येक वर्ष चार फरवरी विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है.यह दिन एहसास दिलाता है की जिंदगी की जंग से जूझ रहे लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा विश्व उनके साथ खड़ा है.इस दिशा में डब्ल्यूएचओ, संयुक्त राष्ट्र, सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों द्वारा एक जागरूकता सन्देश वितरित किया जाता है.
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के आंकडें
- इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट में हैरान करने वाले आंकडें
- सामने आये हैं.केवल भारत में ही साल 2020 तक कैंसर के 17.3 लाख नये केस
- सामने आयेंगें.वहीँ 8.8 लाख लोगों की मौत इस रोग के कारण होगी.
- लंग्स,ब्रैस्ट और सर्विकल कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज़ सामने आयेंगें.
- 12.5 प्रतिशत मरीज़ आरम्भिक कैंसर में आते हैं बाकी सब लास्ट स्टेज में आते हैं.
वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास
- वर्ल्ड कैंसर डे की नींव साल 1933 में जिनेवा स्विट्ज़रलैंड में रखी गयी थी.
- यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कण्ट्रोल द्वारा कैंसर पर दिशा निर्देश जारी होते हैं.
- लोगों में इस रोग की जागरूकता लाने और इस रोग पर फतह पाने के लिए.
- यह दिन पूरे विश्व में मनाया जाता है.
- हर साल पूरे विश्व में 12.7 मिलियन लोग कैंसर से ग्रसित होते हैं.
- सात मिलियन लोग प्रत्येक वर्ष इस कारण काल का ग्रास बनते हैं.
- इन्ही आकड़ों पर रोक लगाने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए.
- आज का दिन मनाया जाता है.
- यह रोग कभी भी किसी को हो सकता है.
- ज़रूरत है तो सिर्फ एक कोशिश की इस रोग से बचने के लिए.
- जागरूक करने के लिए लोगों में ये सोच पैदा करने के लिए कि
- सही खानपान,व्यायाम और डॉक्टर की जांच से इस बिमारी पर जीत हासिल कर सकते हैं..
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