गत वर्ष होने वाले जाट आंदोलन की ही तरह इस वर्ष भी यह एक बड़ा रूप ले सकता है, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योकि इस आंदोलन के समाप्त होने की कोई दिशा नज़र नहीं आ रही है. बता दें कि सरकार द्वारा जाट समुदाय को दूसरे दौर की वार्ता के लिए बुलावा भेजा गया था, जिसे अब इस समुदाय द्वारा ठुकरा दिया गया है. जिसके बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि यह आंदोलन एक बड़ा रूप ले सकता है.
बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के भाग लेने की थी संभावना :
- हरियाणा में जाट समुदाय द्वारा आरक्षण के लिए किया जा रहे जाट आंदोलन अब तेज़ होता जा रहा है.
- ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योकि हाल ही में सरकार द्वारा दिए गए बातचीत के प्रस्ताव को समुदाय द्वारा ठुकरा दिया गया है.
- जिसके बाद अब इस आंदोलन के समाप्त होने के सारे कयासों पर लगाम लग गए हैं.
- इसी कारण हरियाणा में अब तनाव बढ़ता सा नज़र आ रहा है.
- आपको बता दें कि सरकार द्वारा यह बातचीत गुरुग्राम के जाट समुदाय के साथ होने वाली थी.
- बता दें कि इस बातचीत में मुख्यमंत्री खट्टर या कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के शामिल होने की संभावना थी.
- गौरतलब है कि अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अनुसार सरकार द्वारा नामित अफसरों की कमेटी से बातचीत करने का कोई औचित्य नहीं है.
- उनके अनुसार सरकार की नीयत भी साफ नजर नही आ रही है.
- जिसके बाद अब 17 फरवरी को हरियाणा के जसिया में पंचायत में ही निर्णय किया जाना तय है.
- बता दें कि कैबिनेट की फरीदाबाद में हुई बातचीत के बाद सरकार की ओर से जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक को बातचीत का न्योता दिया गया था.
- परंतु अचानक मलिक द्वारा मना कर दिए जाने से स्थिति विपरीत हो गई.
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