उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को पत्र लिखकर भारत के नागरिक के नाते प्रताप चन्द्रा नें राज्यपाल को अक्षम बताते हुए उन्हें पदत्याग करनें की मांग की है। पत्र में लिखा कि उत्तर प्रदेश में 2017 के नए विधानसभा सदन का चुनाव संपन्न हो चुका है, पर सरकार अभी तक नहीं मिली है।
भाजपा द्वारा सीएम की नियुक्ति को बताया गैरसंवैधानिक
- संविधान के अनुच्छेद 163 में लिखा है ‘राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्री-परिषद् होगी जिसका प्रधान, मुख्यमंत्री होगा’।
- संघीय ढांचे के अनुरूप संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार ‘मुख्यमंत्री की नियुक्ति (Appoint) राज्यपाल करेंगे’ जिसके लिए राज्यपाल पूर्णतः न सिर्फ स्वतंत्र हैं अपितु ये उनका दायित्व भी है।
सरकार बनने के बाद भी नहीं मिला सीएम
- जबकि वर्तमान में उक्त संवैधानिक व्यवस्था के तहत सलाहकार (मुख्यमंत्री) की नियुक्ति करने के बजाय सदन के चुनाव के परिणाम आने के कई दिन बाद भी राज्यपाल अपना सलाहकार नियुक्त कर सरकार नहीं दे सके हैं।
- अपने विवेक द्वारा नियुक्त करने के बजाये अपना सलाहकार (मुख्यमंत्री) नियुक्त करने हेतु निकाय/समूह (भाजपा) द्वारा नाम सुझाने की प्रतीक्षा में टकटकी लगाये हुए हैं।
- जिसे प्रदेश पर थोपे हुए नाम को सलाहकार (मुख्यमंत्री) के रूप में लादा जा सके।
राज्यपाल को बताया अक्षम
- सलाहकार राज्यपाल को चाहिये और तय कोई और (भाजपा) कर रहा है, ये असंवैधानिक तो है ही बल्कि ये भी दर्शाता है कि राज्यपाल अपने सलाहकार का चयन करने में अक्षम हैं।
- जिसके फलस्वरूप प्रदेश की सरकार बनने के बजाये किसी एक समूह (भाजपा) की सरकार बनेगी और कई विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधि सरकार का हिस्सा नहीं होंगे न विपक्ष में बैठने वाले प्रतिनिधि के क्षेत्र विकास की मुख्य धरा से जुड़ेगा जो जनभावना और संविधान की भावना के प्रतिकूल है।
- अतः एक नागरिक के नाते आपसे अनुरोध है कि अपने सलाहकार (मुख्यमंत्री) को नियुक्त कर पाने में अक्षम होने के कारण अपने राज्यपाल पद का पदत्याग करने की कृपा करें जिससे संविधान का मान बना रह सके।
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