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राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले कोे दोनों पक्षों को आपसी सहमति से सुलझा लेना चाहिए। लगभग सभी ने इसका समर्थन किया, लेकिन एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसके खिलाफ बड़ा बयान दिया।
अगले पेज पर जानें क्या है बयान
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ओवैसी का सुप्रीम कोर्ट की बात मानने से इंकार
- प्रधान न्यायाधीश जस्टिस जगदीश सिंह खेहर मंगलवार को इस मामले में आपसी बातचीत की सलाह दी।
- सुप्रीम कोर्ट की इस सलाह का सभी ने स्वागत किया।
- लेकिन एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसके खिलाफ बयान दिया।
- उन्होंने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के मु्दें पर किसी तरह की आपसी बातचीत से मना कर दिया।
- ओवैसी ने ऐसा कहकर सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की सलाह को किनारे कर दिया।
- उन्होंने इसका तर्क दिया कि इससे पहले भी छह बार इस तरह की कोशिशें की जा चुकी हैं,
- बातचीत कोशिश राजीव गांधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री काल में की गई थीं,
- लेकिन उसका कोई हल कभी नहीं निकला।
- ऐसे में अब पर्सनल लॉ बोर्ड यह फैसला कर चुका है, कि वह किसी से भी बातचीत नहीं करेगा।
- उन्होंने बताया कि बोर्ड ने कहा है कि इस मामले की रोजना सुनवाई की जाए।
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