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यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के 5 कालिदास मार्ग के ठीक बगल वाला बंगला नंबर 6 कालिदास किसी डरावने और खौफनाक मंजर से कम नहीं है। इस बंगले का ऐसा इतिहास है कि यहां जो भी रहने आया उसके साथ बुरा ही हुआ। इसे अन्धविश्वास कहें या कुछ और यह तो कहना थोड़ा असंभव होगा लेकिन ये आंकड़े इसकी हकीकत बता रहे हैं।

अगले पेज पर वीडियो के साथ देखिये पूरी खबर:

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यहां रहने वाला हर कोई आरोपों में फंसा

https://youtu.be/nus7X5yY7zU

  • राजनीति के पंडितों और नेताओं का ऐसा मनना है कि 6 कालिदास मार्ग स्थित बंगले में जो कोई नेता रहने के लिया उसका नाम इतिहास में दर्ज हो गया।
  • इस बंगले में रहने वाले इंसान को जेल की सजा कटनी पड़ी है।
  • समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की सरकार में मुख्य सचिव रहीं नीरा यादव नोएडा में प्लॉट आवंटन मामले में जेल गईं।
  • प्रमुख सचिव परिवार कल्याण रहे प्रदीप शुक्ला एनआरएचएम घोटाले में फंसे। इस बंगले में रहने वाले सपा से निष्कासित दिग्गज नेता अमर सिंह को पार्टी से बेदखल कर दिया गया। बाबू सिंह कुशवाहा भी एनआरएचएम घोटाले के आरोप में फंसे और जेल भेजे गए। सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे वकार अहमद शाह इस बंगले में रहकर बीमार पड़े और कोमा में चले गए। अखिलेश यादव के बेहद करीबी मंत्री रहे राजेंद्र चौधरी से अहम मंत्रालय छीन गया लिया गया। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जावेद आब्दी को भी यहीं रहकर अपना पद गंवाना पड़ा।

बंगला नंबर 22 की भी है अपनी अलग कहानी

  • इस अन्धविश्वास में 6 कालिदास मार्ग ही नहीं बल्कि गौतमपल्ली में स्थित बंगला नंबर 22 भी आगे है।
  • नेताओं का मानना है कि इस बंगले में भी जो नेता या मंत्री रहने आया उसके यहां आते ही बुरे दिन शुरू हो गए।
  • तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में कृषि मंत्री रहे आनंद सिंह यहां रहने के बाद बर्खास्त हुए।
  • इसके बाद कैबिनेट मंत्री शिवाकांत ओझा भी बर्खास्त हुए।
  • मंत्री बनीं शादाब फातिमा भी सपा में हुई रार के बाद बर्खास्त की गईं थी।
  • इतना ही नहीं इन बंगलों के अलावा विधानसभा का कक्ष संख्या 58 भी अशुभ माना जाता है।

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