इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति आरएल हांगलू ने बुधवार को राज्यसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय में ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ की बात को पूरी तरह से नकार दिया है। उन्होंने मीडिया में आये सभी बयानों को गलत बताते हुए उन पर ध्यान न देने की अपील की है।
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आरएल हांगलू ने पत्र में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी तथा मंत्रालय की ओर से दबाव बनाए जाने की ख़बरों का खंडन करते हुए लिखा कि विश्वविद्यालय की गरिमा को मजबूत बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
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विश्वविद्यालय को हमेशा स्मृति ईरानी का मार्गदर्शन मिलता रहा है।
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मीडिया में उनके बयानों को घुमा फिराकर पेश किया गया है। जिन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
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मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी या किसी भी अन्य अधिकारी की वजह से विश्वविद्यालय के कार्यों में कभी भी कोई रुकावट नहीं आई है।
हालांकि मंगलवार को अपने बयान में कुलपति आरएल हांगलू ने कहा था कि अगर मंत्रालय चाहता है तो वह इस्तीफ़ा देने को तैयार हैं। अगर एमपी, एमएलए को विश्वविद्यालय के कार्यों में हस्तक्षेप करना है तो उन्हीं को कुलपति बना दिया जाये। बुधवार को भी उन्होंने सभी दलों के नेताओं के बारे में जमकर बयानबाजी की थी। लेकिन राज्यसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में हांगलू अपने सभी बयानों से साफ़-साफ़ मुकर गए।
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