23 मार्च का दिन देश के इतिहास के पन्नों में शहीद दिवस के नाम से दर्ज है। इस दिन हमारे देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारी अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था। शहीदों को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शहीदों को याद किया। वहीं पूरे देश में शहीदों को याद किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा कि देश उनके बलिदान और साहस को कभी नहीं भूल सकता।

यह है इस दिन का इतिहास

  • भारत देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाले क्रन्तिकारी अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को केन्द्रीय संसद की कार्रवाही पर बम फेंकने के आरोप में अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को फांसी पर लटका कर मृत्यु दंड की सजा दी थी।
  • इसके बाद से यह दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • बता दें कि राजगुरु के पौत्र सत्यशिव राजगुरु हैं।
  • काकोरी कांड में पकड़े जाने और फांसी पर लटकाए जाने वाले अशफाक उल्लाह खां के पौत्र अशफाक हैं।
  • शहीदों के परिजन अपने पूर्वजों की गौरवगाथा को तो नहीं भूल पा रहे हैं वहीं देश की जनता भी इन शहीदों को शत-शत नमन कर रही है।
  • हालांकि इन क्रन्तिकारी शहीदों के परिवार वाले सरकारी व्यवस्था से काफी परेशान हैं जो इस व्यवस्था के खिलाफ नाराजगी भी अक्सर जाहिर करते नजर आये हैं।
  • बता दें कि इन शहीदों को गौरव गाथा को देश की नई पीढ़ी इतिहास की किताबों में पढ़ती है।
  • इसीलिए 23 मार्च का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।
  • इस दिन शहर भर में कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है।
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