उत्तर प्रदेश में 17 अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति की सुविधाएँ देने वाला मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है। मामले में राज्य सरकार की अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गयी है। मामले की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने अगली तारीख दे दी है।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार समेत पक्षकारों से माँगा जवाब:
- उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति की सुविधाएँ देने वाले मामले में हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख दी है।
- इसके साथ ही कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार और पक्षकारों से जवाब माँगा है।
- जवाब देने के लिए हाई कोर्ट ने 8 हफ़्तों का समय दिया है।
- मामले में राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गयी थी।
- इसके साथ ही मामले में कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को स्थगन बढ़ाने से भी इंकार कर दिया है।
क्या कहा उच्च न्यायालय ने:
- 17 अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने के मामले में हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों से जवाब माँगा है।
- साथ ही कोर्ट ने कहा है कि, जिन्हें प्रमाणपत्र जारी हो चुका है वह याचिका के निर्णय के अधीन होगा।
- इसके साथ ही कोर्ट ने प्रमाण पत्र प्राप्त लोगों को भी पक्षकार बनाने की छूट दी है।
- मामले की अगली सुनवाई 4 सितम्बर को होगी।
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