उत्तर प्रदेश पुलिस के अमानवीय चेहरे के ऊपर से नकाब उतारते हुए जब एक गैंगरेप पीड़िता शनिवार को सहारनपुर जिले से मुख्यमंत्री के जनता दरबार में न्याय के लिए पहुंची तो उसके आरोपों को सुनकर सभी हैरान थे।

  • पीड़िता का आरोप है कि देवबंद थाने में उसके पति को एक झूठे केस में पुलिस उठा ले गई थी। इस दौरान पुलिस ने महिला को मदद का हवाला देकर थाने बुलाया।
  • महिला का आरोप है कि थाना परिसर में पीछे के कमरे उस समय थाना प्रभारी ब्रजमोहन यादव, चौकी इंचार्ज पंकज धामा, एसएसआई वेदपाल सिंह, सिपाही जिसका रंग काला है नाम नहीं मालूम ने बारी-बारी से बलात्कार किया।
  • पीड़िता का कहना है कि इस दौरान वर्दीधारियों ने उसे धमकी दी कि हम यादव हैं हमारी सरकार है मेरा कुछ नहीं होने वाला।
  • यह घटना साल 2015 की है, पीड़िता को जब जिले की पुलिस न्याय नहीं दे पाई तो वह तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव से भी मिली थी लेकिन उसे केवल न्याय का भरोसा दिलाकर छला गया।
  • दो साल से वह न्याय के लिए भटक रही है लेकिन उसकी इज्जत तार-तार करने वाले आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • पीड़िता न्याय की आस लगाकर सीएम के जनता दरबार में पहुंची यहां आदित्यनाथ योगी ने प्रार्थनापत्र लेकर उसे फिर से मामले की जांच करवाकर न्याय का भरोसा दिलाया है।
  • पीड़िता ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की भी मांग की है।

खाना खा रहे पति को उठा ले गई थी पुलिस

  • सीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने कहा है कि घटना दिनांक 29-07:2015 को शाम के करीब 7:00 बजे की है।
  • जब हमारे परिजन खाना खा रहे थे तो अचानक थाना देवन्द की पुलिस घर पर आयी और जबरदस्ती पूछताछ की बात कहकर मेरे पति को अपने साथ लेकर गयी।
  • थाने में लगातार मेरे पति को सिपाही पीटते रहे, दिनांक 01.08.2015 को मेरे पति को झूठे मुकदमें में जेल भेज दिया था।

बेटे ने मांगी थी हाथ जोड़कर मदद

  • पीड़िता ने बताया पति की गिरफ्तारी के बाद वह अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ साईकिल से रेलवे चौकी देवबन्द में गये।
  • चौकी इन्चार्ज पंकज धामा से मिले और हाथ जोड़कर मिन्नत खुशामन्द करते हुए गुहार लगायी थी कि उसके पति को झूठा फंसा कर जेल भेज दिया गया है हमारी मदद करो और यह भी याचना की थी कि मेरे पति के सिवाये घर में कोई अन्य भी नहीं है।
  • तब इन्चार्ज ने कहा कि में इंस्पेक्टर से बात करके तुम्हे शाम को बताऊंगा और मैं रोती बिलखती हुई अपने घर पर आ गयी थी।

सिपाही आया था पीड़िता को बुलाने

  • पीड़िता ने प्रार्थनापत्र में कहा है कि दिनांक 06.08.2015 की शाम करीब 4:30 बजे एक सिपाही हमारे घर पर आया और कहने लगा कि तुम्हे इन्चार्ज साहब ने बुलवाया है।
  • मैं व मेरी ननद मेरी और सास हम तीनों रेलवे चौकी देवबन्द गये वहां चौकी इन्चार्ज पंकज हमसे कहा कि हमने तुम्हे अकेला बुलाया था इन सबको क्यो साथ ले आयी हो।
  • दरोगा ने कहा कि कोतवाल साहब ने थाने में बुलाया है।
  • जब शाम को करीब 6 बजे वह थाने पहुंची तो चौकी इनचार्ज ने उसकी सास से कहा कि माता जी आप थाने में बैठ जाइये इंस्पेक्टर इनसे थाने के पीछे कमरे में अकेले पूछताछ करेंगे।
  • वह अपनी ननद के साथ कमरे में पहुंची तो ननद को बरामदे में बिठा दिया गया और पीड़िता को कमरे में ले जाया गया।

कमरे में पहले से बैठे थे दरिंदे

  • पीड़िता का कहना है जब वह कमरे में गई तो वहां कोतवाल व दरोगा जिसके बाल भी उड़े हुए थे व सिपाही मौजद थे।
  • कोतवाल ने मुझसे कहा कि अगर अपने पति को छुड़ाना है तो हमारे साथ गन्दा काम करना होगा।
  • उनकी यह बात सुनकर मैं उठकर भागने लगी तो मुझे इन चारों ने पकड़ लिया और अन्दर ले गये।
  • आरोप है कि पहले कोतवाल ने उसके साथ बलात्कार किया।
  • इसके बाद बारी-बारी से पांच पुलिसकर्मियों ने जबरन बलात्कार किया।
  • शोर पर मेरी ननद अन्दर पहुंच गयी तो और मुझे छुडाने का प्रयास किया तो उसके साथ मारपीट की और उसके ऊपर रिवाल्वर तानकर धमकी दी कि साली चुपचाप बैठ जा वरना दोनों को जान से मारकर फेंक देंगे।
  • पीड़िता का कहना है कि दरिंदों ने हाथ पैर जोड़ने पर भी मुझे नहीं छोडा और बलात्कार करने के बाद मुझे धमकी देकर भगा दिया कि अगर किसी को बताया तो तेरे पति पर जेली में ही रहते हुए इतने मुकदमे लगा देंगे कि यह 8-10 साल जेल से बाहर नहीं आ सकेगा और तुझे भी झूठे मुकदमे में फंसा देंगे और मुंह बन्द रखने की धमकी दी।

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

  • पीड़िता ने इस सम्बन्ध में दिनांक 10-11-2015 व 03-02-2017 व 07-03-2017 को उच्चअधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
  • मुझे उन चारों में से तीन के नाम कोतवाल ब्रज मोहन यादव, दरोगा चौकी इन्चार्ज पंकज धार, दरोगा वेदपाल सिंह मालूम हुए है तथा चौथा मुल्जिम काले रंग का सिपाही हैं।
  • मुझ पीड़िता के साथ कानून की रक्षकों ने भक्षक बनकर मेरे साथ बलात्कार का घिनौना काम करके मेरी जिन्दगी तबाह व बदांद कर दी है।
  • मैने इस सम्बन्ध में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया हुआ है लेकिन आज तक मेरी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई हैं।
  • इसलिए वह जनता दरबार पहुंची और न्याय की गुहार लगाई है।

वीडियो में सुनें महिला की दर्द भरी कहानी:

https://youtu.be/2fEVhM9buvc

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