यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद से राम आसरे विश्वकर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र मुख्य सचिव राहुल भटनागर को भेजा है। विश्वकर्मा पूर्व सपा सरकार में 2013 से इस पद पद पर तैनात थे। वह मुलायम सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।
इससे पहले भी कई लोग दे चुके इस्तीफे
- बता दें कि योगी सरकार ने सपा सरकार के घोटालों की जांच शुरू करवा दी है।
- इसके बाद से पूर्ववर्ती सपा सरकार में दागी मंत्री दहशत में हैं।
- वहीं सपा सरकार में गठित आयोगों के अध्यक्षों के इस्तीफे का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
- शनिवार को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
- हालांकि उन्होंने मुख्य सचिव को सौंपे इस्तीफे में अपने निजी कारणों से पद छोडऩे की बात कही।
- जिस पद पर विश्वकर्मा थे इस आयोग को प्रभावशाली बनाने के लिए दो उपाध्यक्ष व 25 सदस्यों की भी तैनाती की गई थी।
- सूत्रों का कहना है कि आयोग के अध्यक्ष के बाद अब उपाध्यक्ष व सदस्यों को इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया है।
- बता दें कि राम आसरे ने पिछले दिनों केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर निजी क्षेत्र की कंपनियों में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की भी मांग उठाई थी।
- उनके इस्तीफा देने से पहले अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष राजकिशोर यादव और विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह इस्तीफा दे चुके हैैं।
- गौरतलब है कि सपा सरकार में अनुसूचित जाति जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग, राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष व सदस्य अपने पदों पर कार्यरत हैैं।
- राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह समाजवादी पार्टी में बतौर प्रवक्ता काम कर रही हैं।
- वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी एक आईपीएस अफसर के खिलाफ रेप के केस दर्ज करवाने को लेकर विवादों में आईं थीं।
- वहीं अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष शकील अहमद काफी समय से बीमार चल रहे हैं।
- सूत्रों का कहना है कि सपा के अन्य आयोगों के लोग भी अपने पदों से इस्तीफा दे सकते हैं।
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