जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, गुजरात बीजेपी मे हलचल बढ़ने लगी है। गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल का दो साल का कार्यकाल अब समाप्त हो सकता है। विधानसभा चुनाव की आहट पाते ही पार्टी हाईकमान ने राज्य में खिसकते जनाधार को बचाने के लिए आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला किया है। बता दें कि कई मुद्दों पर गुजरात मे आनंदी बेन पटेल का भारी विरोध हुआ है जिसे देखते हुये बीजेपी ने अब उनको इस ज़िम्मेदारी से मुक्त करने का फैसला किया है।
आनंदी बेन पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के पीछे कुछ खास वजह:
- पटेल आंदोलन से हुई प्रतिष्ठा खराब।
- पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वस्त ओम माथुर की रिपोर्ट में इस बात की जिक्र है कि गुजरात में बीजेपी से पटेल वोट छिटक गया है।
- एंटी इनकंबैसी का डर बीजेपी को सता रहा है।
- आनंदी बेन पटेल की लीडरशिप में अगला चुनाव लड़ा गया तो गुजरातमें बीजेपी के हारने कि आशंका है।
- बीजेपी गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुये रिस्क लेने के मूड में नहीं है।
- सीएम के दोनों बच्चों का सरकार में बढ़ता दखल भी इसकी एक वजह मानी जा रही है।
राज्यपाल बनाई जा सकती हैं आनंदीबेन पटेल
नवंबर महीने में आनंदीबेन पटेल 75 साल की हो जाएंगी। गुजरात में 2017 में विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं। आनंदी बेन पटेल के नेतृव में चुनाव में उतरना फायदा कम और नुकसान ज्यादा करवा सकता है। पटेल आंदोलन के बाद बीजेपी अब इस तरह के किसी भी संकट की स्थिति से बचने के लिए आनंदी बने पटेल को हरियाणा या पंजाब का गवर्नर नियुक्त करके उनके गुजरात के मुख्यमंत्री पदभार से मुक्त कर सकती है।