सरकार ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर बनने वाले 100 मीटर तक लंबे नए पुलों के साथ बैराज निर्माण को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। बहते जल की बर्बादी रोकने को केंद्र का अनोखा प्रस्ताव रखा है।
100 मीटर तक लंबे नए पुलों के साथ बैराज निर्माण अनिवार्य-
- पानी की बढ़ती किल्लत और बहते जल की बर्बादी को रोकने के लिए केंद्र ने एक अनोखा प्रस्ताव रखा है।
- सरकार ने सौ मीटर या कम लंबे नए पुलों के साथ बैराज बनाना जरूरी करने का निर्णय लिया है।
- राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए राज्यों व सड़क एजेंसियों को निर्देश जारी किए है।
- इसके अलावा ऐसे पुराने पुलों जिनका उपयोग अब बंद किया जा चुका है उनका उपयोग भी बैराज के लिए किया जा सकता है।
- इसके लिए पुल की लंबाई कुल सौ मीटर या उससे कम होनी चाहिए।
- इन बैराज का ढांचा पुल के डाउनस्ट्रीम साइड (जिस ओर जल का प्रवाह हो) बनाया जाएगा।
- बैराज के लिए पुल के खंभों के अलावा अतिरिक्त खंभे भी लगाए जाएंगे।
- इन बैराजों की ऊंचाई इतनी होगी की अधिकतम 3.50 मीटर तक जल भंडारण हो सके।
- इस योजना के तहत शुरू में सड़क मंत्रालय इन पुल-सह-बैराजों के निर्माण की पूरी लागत के अलावा पहले तीन वर्षों तक संचालन और रखरखाव का खर्च भी वहन करेगा।
- लेकिन इसके संचालन और रखरखाव का खर्च राज्य सरकार को उठाना होगा।
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