साल 2015 में पीएम मोदी ने पीएम आवास योजना की शुरुआत यह कहते हुए की थी कि 2022 तक देश के किसी भी गांव में कोई भी ऐसा परिवार नहीं होगा, जिसके पास पक्का मकान नहीं होगा, हालांकि योजना पर अमल भी शुरू हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सपना दिखाकर कुछ छोटे-मोटे बिल्डरों ने यूपी के कई शहरों में अपना प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। इसकी बानगी आप को राजधानी लखनऊ में भी देखने को मिल जाएगी। जहां रिश्ता मैनहटन, शालीमार बिल्डर, हाइट्स इन्फ्रा प्रोजेक्ट और एस्ट्रलसिलवासा टाउनशिप प्रा.लि. बिल्डर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
क्या है मामला:
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिल्डरों ने शुरू किया प्रचार-प्रसार।
- पीएम की फोटो लगा प्रचार कर रहे हैं बिल्डर।
- प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही रिश्ता मैनहटन और एस्ट्रलसिलवासा टाउनशिप प्रा.लि. बिल्डर कर रहे हैं गुमराह।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का दावा ठोक रहा है रिश्ता मैनहटन और एस्ट्रलसिलवासा टाउनशिप प्रा.लि. बिल्डर।
- बैंकों से आसानी से लोन का भी दावा ठोक रहा हैं बिल्डर।
- ऐसे बिल्डरों के बहकावे में न आएं।
- अभी तक बिल्डरों का नहीं हुआ है चयन।
- बिना चयन हुए बिल्डर जनता को कर रहे हैं गुमराह
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यह है प्रधानमंत्री योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना एक व्यापक मिशन ‘2022’ तक सबके आवास हो इसके लिए शुरू की गई है। इसकी शुरुआत 25 जून 2015 को पीएम ने की थी। इस योजना में लाभार्थी पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे। इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार के पास या तो उसके नाम से अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम से भारत के किसी भी भाग में पक्का मकान नहीं होना चाहिए। इस योजना में 2011 की जनगणना के अनुसार सभी 4041 सांविधिक शहरों को तीन चरणों में कवर किया जाएगा। पहले चरण में 100 शहरों को, दूसरे चरण में 200 शहरों को, तीसरे चरण में अप्रैल 2019 से मार्च 2022 तक सभी अन्य शेष शहरों को कवर कर लिया जायेगा।