उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खेवनहार बने रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस से दूरी बना सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, सूबे कांग्रेस के प्रदेश स्तर के कुछ नेताओं और प्रशांत के बीच चुनावी मुद्दों पर रस्साकशी चल रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में बतौर मुख्य रणनीतिकार पीके को चुनावी रणनीति बनाने के लिए चुना है।
- पीके के करीबियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में राज्य कांग्रेसी नेताओं के विरोध के बीच, यदि प्रशांत किशोर के कार्यों में बाधा डालने की कोशिश की जाती है तो अपनी राह अलग कर सकते हैं।
- पीके यूपी फतह के ध्येय से कांग्रेस के लिए पांच सूत्रीय प्लान बना भी चुके हैं, जिसका कांग्रेस के कुछ नेता विरोध कर रहें हैं।
- कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह व पीके में मतभेद पैदा हो गया है।
- जिसके बाद कांग्रेस नेता शकील अहमद ने इन खबरों का खण्डन किया था और कहा था कि मतभेद का सवाल ही नहीं है क्योंकि संगठन संबंधी फैसले और टिकट बंटवारे में पीके की भूमिका नहीं है।
- कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर का काम चुनाव का प्रबंधन तक सीमित है ना कि नेताओं को दिशा-निर्देश देने का।
- उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के मुश्किल हालात को देखते हुए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद पीके को पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए साथ लाए थे।
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