उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गांव के कुलदीप ने साउथ अफ्रीका में अपने जज्बे के दम पर जूडो चैंपियनशिप में ‘गोल्ड मैडल’ जीता है। गौरतलब है कि, कुलदीप जन्म से ही देख नहीं सकते हैं और उनका पूरा परिवार मनरेगा में काम करता है।
पिता की दैनिक आय 175 रुपये:
- सूबे के बांदा जिले की गांव कुमेढ़ा सानी के कुलदीप ने साउथ अफ्रीका में जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीता है।
- इस प्रतियोगिता का आयोजन ‘नेल्सन मंडेला वे मुनिसिपैलिटी’ द्वारा किया गया था।
- उनका पूरा परिवार माता-पिता, और उनके तीन भाई मनरेगा में काम करते हैं, उनके परिवार की प्रति व्यक्ति दैनिक आय 175 रुपये है।
- कुलदीप राष्ट्रीय दृष्टिबाधित स्कूल ‘स्पर्श’ में इंटरमीडिएट के छात्र हैं।
राष्ट्रीय जूडो प्रतियोगिता में भी शानदार प्रदर्शन:
- कुलदीप ने राष्ट्रीय जूडो प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार तीन बार गोल्ड मैडल जीता।
- उन्होंने यह उपलब्धि साल 2013, 2014 और 2015 में अपने नाम की।
- कुलदीप ने 14 मार्च से 19 मार्च तक चली स्पेशल ओलंपिक में 200 मीटर रेस और शॉट पुट में गोल्ड मैडल जीता।
टीचर और प्रिंसिपल करते थे अपमानित:
- कुलदीप ने जानकारी दी कि, जाति और गरीबी को लेकर उनके स्कूल में टीचर और प्रिंसिपल द्वारा अपमानित किया जाता था।
- कुलदीप ने अपने जज्बे को कायम रखते हुए प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया।
- वार्म-अप के लिए हैण्डपंप और जूडो बैग की जगह बोरी में रेत का इस्तेमाल किया।
- कुलदीप ने सिर्फ 10 दिन की ट्रेनिंग ली है, उसके बाद एक दोस्त द्वारा इलाहाबाद के कोच संजय गुप्ता से जुड़ने के बाद उनके निर्देशन में सफलता हासिल की।
- कुलदीप को उनकी गरीबी के कारण साउथ अफ्रीका के आयोजन में सेलेक्ट करने से मना किया जा रहा था, जिसके बाद इंडियंस ब्लाइंडिंग पॉवर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मुनव्वर अजहा ने स्वयं से 1.50 लाख रुपये की व्यवस्था कर भेजा।
- डीएम योगेश कुमार ने कुलदीप को सम्मानित किया और कुलदीप को सूखे और अकाल से जूझ रहे बुंदेलखंड के लिए आदर्श बताया और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
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