उत्तर प्रदेश में पूर्ववती सपा सरकार के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के बड़े प्रॉजेक्ट में शुमार 108 व् 102 एंबुलेंस सेवा के संचालन में बड़ी धांधली का सबसे पहले uttarpradesh.org ने खुलासा किया था. इसके बाद जांच में पता चला कि इसको संचालित करने वाली एजेंसी ने एक्सल शीट में फर्जी मरीजों की इंट्री कर करोड़ों रुपये का भुगतान करवा लिया. हमारी खबर का संज्ञान लेते हुए निदेशक ने 26 अप्रैल को पत्र संख्या 518 लिखकर संबंधित जिलों में फर्जी केसों की पुष्टि कर सेवा प्रदाता कंपनी के खिलाफ एफाईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. इसके बाद से सेवा प्रदाता कंपनी में हड़कंप मचा हुआ है.
एंबुलेंस सेवा में धांधली, FIR का आदेश। https://t.co/hu04u6stzh ने सबसे पहले उजागर की थी एंबुलेंस सेवा में धांधली।https://t.co/QXbpOa6STz
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) May 8, 2017
जी.वी.के. करता है एम्बुलेंस सेवा का संचालन:
- उत्तर प्रदेश की पूर्ववती सरकार के द्वारा एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 के संचालन के लिए दिनांक 11 नवम्बर 2011 से 2016 के बीच 5 साल की अवधि के लिए 798.50 करोड़ का बजट दिया गया था.
- जिसमें प्रति एम्बुलेंस 1.17 लाख रूपये के हिसाब से प्रतिमाह बजट दिया गया.
- साथ ही प्रतिवर्ष 10 फीसदी अनुवृद्धि के बाद 1.88 लाख रूपये देने का प्रावधान भी है.
कंपनी के खिलाफ एफाईआर दर्ज कराने के आदेश:
- 102 व् 108 एम्बुलेंस सेवा की संचालक कम्पनी पर FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं.
- दरअसल एम्बुलेंस सेवा के दौरान मरीजों की इंट्री की एक्सल शीट तैयार की जाती है.
- जिसकी भुगतान को हरी झंडी देने का काम जिलों के सीएमओ का होता है.
- ऐसे में एंबुलेंस सेवा के संचालन में बड़ी धांधली उजागर हुई है.
- जिसमें एजेंसी ने एक्सल शीट में फर्जी मरीजों की इंट्री कर के सरकार से करोड़ों का भुगतान ले लिया है.
- एनएचएम निदेशक आलोक कुमार ने एजेंसी की सबमिट रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग कर इस घोटाले को उजागर कर दिया है.
- जिसके बाद संचालक कम्पनी पर FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं.
- मामले में आंख मूंद कर रेंडम जांच कर भुगतान का आदेश देने वाले सीएमओ का भी जांच में नपना तय है.