बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाल दिया गया. सतीश मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिये कहा था कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आरोप हैं और उनके खिलाफ कई लोगों की शिकायतें हैं कि चुनाव के दौरान उन्होंने हेरफेर किया था.
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी से निकाले जाने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला बोला और मायावती पर 50 करोड़ रूपये मांगने का आरोप भी लगाया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मायावती ने उन्हें जान से मरवाने की कोशिश की और आगे भी ऐसा कर सकती हैं.
स्वाति सिंह मामले में हुई पूछताछ:
लेकिन इसी बीच नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मुसीबतें तब बढ़ गईं जब लखनऊ पुलिस ने स्वाति सिंह मामले में उन्हें पूछताछ के लिए हज़रतगंज कोतवाली बुलाया. साइबर सेल की टीम ने भी नसीमुद्दीन सिद्दीकी से स्वाति सिंह मामले में पूछताछ की. नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कोतवाली से निकलने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत नहीं की और उन्होंने कहा कि उनके नमाज पढ़ने का वक्त हो गया है.
लखनऊ पुलिस को अचानक याद आये नसीमुद्दीन:
बहरहाल, कुछ ऐसी बातें हैं जो नसीमुद्दीन सिद्दीकी से जुड़े इस मामले में निकलकर सामने आई हैं. जबतक नसीमुद्दीन सिद्दीकी पार्टी में थे तबतक लखनऊ पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर रही थी और अब जबकि उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है उसके दो दिन बाद ही उन्होंने नसीमुद्दीन को कोतवाली बुला लिया और स्वाति सिंह केस में पूछताछ की है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या लखनऊ पुलिस पहले इस मामले में अनभिग्य थी या फिर किसी प्रकार के दबाव में नसीमुद्दीन पर हाथ डालने में संकोच कर रही थी. और फिर अब अचानक की गई ये कार्रवाई क्या स्वत: संज्ञान है या फिर इसके पीछे कोई राजनीतिक दबाव है?