एक साइबर हमले के कारण यूरोप सहित विश्व के कई देश दहशत मे हैं। खबरों के मुताबिक 99 देश इस साइबर अटैक की चपेट में हैं। इसके तहत लगभग 75 हजार कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है। इस हमले के लिए रैंसमवेयर नाम के वायरस को जिम्मेदार माना जा रहा है। ब्रिटेन के दर्जनों अस्पतालों के कंप्यूटर्स को हैकर्स ने रैंसमवेयर के जरिए हैक कर लिया है। इस रैंसमवेयर का नाम WanaCrypt0r 2.0 है।
मांगी जा रही है 300-600 डॉलर फिरौती :
- कंप्यूटर के करप्ट होने के बाद इसको दुरुस्त करने के लिए 300-600 डॉलर तक की फिरौती मांगी जा रही है।
- साइबर सुरक्षा शोधकर्ता के मुताबिक़ बिटकॉइन मांगने के 36 हज़ार मामलों का पता चला है।
- ये वानाक्राइ या इससे मिलते-जुलते नाम से किए गए हैं।
- सुरक्षा शोधकर्ताओं के मुताबिक कुछ पीडि़तों ने डिजिटल करेंसी बिटकॉइन के जरिये भुगतान भी किया है।
- लेकिन उनको यह नहीं पता कि अब तक कितना भुगतान साइबर हमलावरों को दिया गया है।
अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला :
- साइबर विशेषज्ञ रिच बार्जर के मुताबिक यह अब तक का सबसे बड़ा रैंसमवेयर हमला है।
- जिसको साइबर समुदाय हालिया दौर में देखा है।
- एक बार यदि यह मालवेयर कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर सिस्टम में प्रवेश कर जाता है तो इस फिर इसको रोकना बहुत मुश्किल होता है।
- साइबर विशेषज्ञ के अनुसार इस प्रोग्राम को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने विकसित किया था।
- इसको चुराकर हैकरों ने इस तरह का बड़ा साइबर हमला किया है।
ब्रिटेन नेशनल हेल्थसर्विस पर सबसे ज़्यादा असर :
- रैंसमवेयर हमले से सबसे ज्यादा ब्रिटेन की नेशनल हेल्थसर्विस प्रभावित हुई है।
- हैकर्स ने ब्रिटेन की हेल्थ सर्विस से जुड़े कंप्यूटरों को निशाना बनाया है।
- एनएचएस के कर्मचारियों ने वानाक्राइ के प्रोग्राम के स्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं।
- समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक ब्रिटेन के कई अस्पतालों का कहना है कि उन्हें अपने कंप्यूटर खोलने में परेशानी हो रही है।
- जो कंप्यूटर्स हैक हुए हैं उन्हें खोलने पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है जिसमें कहा गया है कि यदि फाइल वापस पाना चाहते हो तो पैसे चुकाने होंगे।
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