जाम के कारण एक सात साल के मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी। बच्चे को फिरोजाबाद से इलाज के लिए दिल्ली लाया जा रहा था। लेकिन एक बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर जाम लगा दिया। जाम में फंसी एंबुलेंस में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।
धरना-प्रदर्शन के कारण मासूम की मौत-
- अपनी मांग के लिए बिल्डर के खिलाफ कुछ खरीदारों ने पहले सर्विस लेन और उसके बाद एक्सप्रेस-वे पर प्रदर्शन किया।
- लेकिन इस प्रदर्शन में फंसी एक एंबुलेंस में एक मासूम जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था।
- घरवालों को उम्मीद थी कि अगर समय पर अस्पताल पहुंचे तो उसकी जान को बचाया जा सकता है।
- लेकिन 10 किलोमीटर लंबे जाम में एंबुलेंस फंसी रही और बच्चे की तड़प-तड़प कर मौत हो गई।
- परिजनों का आरोप है कि एक घंटे तक लगे जाम में एंबुलेंस फंसी रही जिसके कारण मासूम को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा।
- मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि जाम की सूचना मिलने के बाद अगर पुलिस तुरंत कार्रवाई करती तो शायद मासूम की जान बच जाती।
- करीब 250 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आईपीसी की धार 147 और 341 के तहत केस दर्ज किया गया है।
- एसएसपी लव कुमार का कहना है कि उन्हें मीडिया के हवाले से बच्चे की मौत की खबर मिली।
- उन्होंने कहा कि हम पीड़ित के परिवार से संपर्क करने की कोशिश कर रहे है।
- इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन है।
- दोषी वो प्रदर्शनकारी है या पुलिस या फिर ट्रैफिक जाम।
- दोषी कोई भी हो शिकार एक मासूम हुआ है और भुगतना उस मासूम के परिवार को पड़ेगा।
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